IRFC Offer For Sale: भारतीय रेल विकास निगम (Railway Vikas Nigam Limited) के बाद केंद्र सरकार इंडियन रेलवे फाइनैंस कॉरपोरेशन (IRFC) में भी ऑफर फॉर सेल के जरिए हिस्सेदारी बेचने पर विचार कर रही है. डिपार्टमेंट ऑफ इंवेस्टमेंट एंड पब्लिक एसेट मैनेजमेंट (DIPAM) और रेल मंत्रालय ( Ministry Of Railways) के वरिष्ठ अधिकारियों वाली इंटर-मिनिस्ट्रियल ग्रुप (IMG) ने हिस्सेदारी बेचने को लेकर मंथन शुरू कर दिया है.


इंडियन रेलवे फाइनैंस कॉरपोरेशन (Indian Railways Finance Corporation) में भारतीय रेलवे की 86.36 फीसदी हिस्सेदारी है. सेबी के किसी भी कंपनी न्यूनतम पब्लिक शेयरहोल्डिंग नियमों के मुताबिक प्रमोटर की हिस्सेदारी 75 फीसदी या उससे कम और पब्लिक शेयरहोल्डिंग कम से कम 25 फीसदी होनी चाहिए. बतौर प्रमोटर सरकार के पास 11.36 फीसदी सेबी के नियम से ज्यादा हिस्सेदारी है जो सरकार को घटाना है.  


इंडियन रेलवे फाइनैंस कॉरपोरेशन के शेयर के मौजूदा भाव के हिसाब से 11.36 फीसदी हिस्सेदारी घटाने पर सरकार को 7600 करोड़ रुपये मिलेंगे. बुधवार को आईआरएफसी का स्टॉक 0.79 फीसदी के उछाल के साथ 51.25 रुपये पर क्लोज हुआ है. इससे पहले आज के ही ट्रेड में शेयर 52.70 रुपये के ऐतिहासिक लेवल को छूने में कामयाब रहा है. 


पिछले एक महीने में इंडियन रेलवे फाइनैंस कॉरपोरेशन के स्टॉक में 58 फीसदी का उछाल देखने को मिला है. छह महीने में 77 फीसदी जबकि एक वर्ष में शेयर ने 140 फीसदी का रिटर्न दिया है. अगस्त महीने में स्टॉक 38 फीसदी चढ़ चुका है.  जनवरी 2021 में आईआरएफसी का सरकार आईपीओ लेकर आई थी और उसके बाद करीब दो सालों तक स्टॉक सीमित दायरे में कारोबार करता रहा. लेकिन नवंबर 2022 के बाद से स्टॉक ने यूटर्न लिया और तब से निवेशकों को शानदार रिटर्न दे चुका है. 


वित्त वर्ष 2023-24 की पहली तिमाही में कंपनी का नतीजा बेहतर रहा है. 6679 करोड़ रुपये के रेवेन्यू पर कंपनी को 1556 करोड़ रुपये का मुनाफा हुआ है. जबकि बीते वित्त वर्ष की इसी अवधि में मुनाफा 1660 करोड़ रुपये रहा है. 


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