नई दिल्ली: जीएसटी यानी गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स के मुद्दे पर राज्यों और केंद्र सरकार की तकरार लगातार जारी है. लेकिन, इस बीच केंद्र सरकार ने सोमवार रात को ही राज्यों को 20,000 करोड रुपये ट्रांसफर करने का फैसला लिया है. जीएसटी कॉउंसिल की 42वीं बैठक के बाद वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने ऐलान किया कि सोमवार को देर रात तक राज्यों को कंपनसेशन सेस का लगभग 20,000 करोड रुपये ट्रांसफर कर दिए जाएंगे. यह पैसा इस साल अभी तक कंपनसेशन सेस के रूप में इकठ्ठा हुआ है.


24,000 करोड अगले सप्ताह तक
इसके अलावा राज्यों को अगले सप्ताह के अंत तक 24,000 करोड रुपये और केंद्र सरकार की तरफ से ट्रांसफर किये जाएंगे. यह 24,000 करोड रुपये इंटर स्टेट जीएसटी का है. जिन राज्यों को उनके आंकलन से कम इंटर स्टेट जीएसटी ट्रांसफर हुआ था, ये रकम उन राज्यों को ट्रांसफर की जाएगी. इंटर स्टेट जीएसटी के मसले पर भी लंबे समय से राज्यों और केंद्र सरकार के बीच खींचतान चल रही थी. ऐसे में अब Iइंटर स्टेट जीएसटी का पैसा ट्रांसफर होने से यह तकरार भी कम होगी.


मासिक रिटर्न्स भरने से मुक्ति
वहीं, वित्त सचिव अजय भूषण पांडेय ने बताया कि अब कंपनियों को जीएसटी रिटर्न्स भरने के लिए भी राहत दी गयी है. जिन कंपनियों का सालाना टर्नओवर 5 करोड रुपये से कम है, उन्हें अब मासिक रिटर्न भरने की ज़रूरत नहीं होगी. 5 करोड रुपये तक के सालाना टर्नओवर वाली कंपनियों को अब हर तिमाही यानी 3 महीनों पर रिटर्न भरनी होगी. इसके अलावा रिफंड को लेकर भी वित्त सचिव ने घोषणा की है कि 1 जनवरी 2020 के बाद सिर्फ उन कंपनियों को रिफंड दिया जाएगा जिन्होंने पैन कार्ड और आधार संबंधी जानकारियां दी होंगी. इसके चलते रिफंड को लेकर होने वाली धोखाधड़ी को रोका जा सकेगा.