तीन लाख करोड़ से ज्यादा रुपये उधार लेगी भारत सरकार! जानिए कौन देगा इतना पैसा
Treasury Bill: अगले तीन महीने यानी जनवरी से मार्च के बीच भारत सरकार को कर्ज के रूप में तीन लाख 94 हजार रुपये जुटाने हैं. यह राशि भारत सरकार ट्रेजरी बिल के जरिए उधार लेगी.
आमदनी से अधिक खर्च होने पर जैसे आम आदमी को कर्ज जुटाना पड़ता है, वैसे ही सरकार को भी जुटाना पड़ता है. अगले तीन महीने यानी जनवरी से मार्च के बीच भारत सरकार को भी तीन लाख 94 हजार रुपये जुटाने हैं. यह राशि भारत सरकार ट्रेजरी बिल के जरिए उधार लेगी. रिजर्व बैंक की ओर से जारी कैलेंडर से इसका पता चलता है. अक्टूबर-दिसंबर के बीच सरकार ने दो लाख 47 हजार रुपये कर्ज लिए थे.
एक ही तिमाही में कर्ज की जरूरत में एक लाख करोड़ का इजाफा चौंकाने वाला है. इसके तहत भारत सरकार एक लाख 68 हजार करोड़ 91 दिनों के ट्रेजरी बिल के जरिये, एक लाख 28 हजार करोड़ 182 दिनों के ट्रेजरी बिल के जरिये और 98 हजार करोड़ 364 दिनों के ट्रेजरी बिल के जरिए जुटाने जा रही है. इन ट्रेजरी बिलों की नीलामी रिजर्व बैंक करेगा.
ट्रेजरी बिलों की नीलामी के समय में हो सकता है बदलाव
भारत सरकार की सलाह से रिजर्व बैंक ट्रेजरी बिलों की नीलामी के समय में बदलाव कर सकता है. यह केंद्र सरकार की जरूरतों के आधार पर निर्भर करेगा. इसके अलावा बाजार की परिस्थितियों को भी रिजर्व बैंक ध्यान में रखता है. इसकी सार्वजनिक रूप से घोषणा की जाती है.
आखिर होता क्या है ट्रेजरी बिल
ट्रेजरी बिल एक शॉर्ट टर्म डेट इन्स्ट्रूमेंट होता है. टाइट लिक्विडिटी की स्थिति में भारत सरकार ट्रेजरी बिल के जरिए पैसा जुटाती है. छोटी अवधि के कर्ज के लिए सरकार इसका इस्तेमाल करती है. भारत सरकार की गारंटी के कारण यह एक सुरक्षित निवेश होता है और काफी तरलता लिए होता है. यह 91 दिन, 182 दिन और 364 दिन की अवधि के लिए होता है.
बाजार की स्थिति को देखते हुए रिजर्व बैंक ट्रेजरी बिल की नीलामी करता है. राज्य सरकारों के लिए भी इसमें अवसर होते हैं. कई बार इसे स्टेट डेवलपमेंट लोन भी कहा जाता है. ट्रेजरी बिल से उधारी लेने का प्लान सरकार तिमाही आधार पर तैयार करती है. रिजर्व बैंक की ओर से इसका कैलेंडर तैयार किया जाता है.
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