केंद्र सरकार की रियायती योजना के तहत आटे की उपलब्धता आने वाले दिनों में तेज होने वाली है. इसके लिए केंद्रीय एजेंसियों को जल्द ही 3 लाख टन गेहूं का आवंटन होने वाला है. भारत आटे के लिए गेहूं एफसीआई के द्वारा उपलब्ध कराया जाएगा.
सस्ते आटे के लिए गेहूं का आवंटन
केंद्र सरकार ने आसमान छूती महंगाई के कारण लोगों को राहत देने के लिए भारत आटा स्कीम की शुरुआत की थी. भारत आटा ब्रांड के तहत सरकारी एजेंसियां आम लोगों को रियायती भाव पर आटा उपलब्ध कराती हैं. केंद्रीय खाद्य सचिव ने बताया कि योजना के तहत उपलब्धता बढ़ाने के लिए भारतीय खाद्य निगम तीन सरकारी एजेंसियों को 3 लाख टन गेहूं आवंटित करेगी, जो उससे आटा बनाएंगी.
देश में आटे की औसत खुदरा कीमत
भारत आटे की उपलब्धता बढ़ाने के लिए इस कदम को ऐसे समय उठाया जा रहा है, जब देश भर में अभी भी आटे की कीमतें टाइट चल रही हैं. सरकार के हस्तक्षेप के बाद भी आटे की कीमतों में तेजी बनी हुई है. उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय के आंकड़ों के हिसाब से देखें तो आटे की अखिल-भारतीय औसत खुदरा कीमत बढ़कर अभी 36.5 रुपये प्रति किलो तक पहुंच गई हैं.
इतनी हो गई खुदरा महंगाई
खुदरा महंगाई में एक बार फिर आई तेजी भी सस्ते आटे की उपलब्धता बढ़ाने के लिए उठाए गए कदम को प्रासंगिक बनाती है. खुदरा महंगाई की दर में पिछले महीने फिर से तेजी देखी गई है. दिसंबर महीने के दौरान खुदरा महंगाई की दर बढ़कर 5.69 फीसदी पर पहुंच गई. यह खुदरा महंगाई का बीते 4 महीने में सबसे ऊंचा स्तर है. खुदरा महंगाई के आधिकारिक आंकड़े जारी करते हुए बताया गया था कि इसका मुख्य कारण खाने-पीने की चीजों के भाव में तेजी है.
मार्च तक होती रहेगी बिक्री
केंद्र सरकार का प्रयास है कि खुदरा महंगाई को जल्द से जल्द काबू किया जाए. इसके लिए सरकार हरसंभव प्रयास कर रही है. बीते कुछ महीनों के दौरान सरकार प्याज से लेकर टमाटर तक की बिक्री कर चुकी है. आम लोगों को महंगाई की मार से बचाने के लिए सस्ते आटे से लेकर दाल तक की बिक्री की जा रही है. सरकार की योजना है कि रियायती भाव पर मिलने वाले भारत आटे को उन सभी क्षेत्रों में उपलब्ध कराया जाए, जहां आटे की बाजार दर औसत कीमत से ज्यादा है. सरकार कम से कम मार्च तक रियायती भारत आटे की बिक्री करने वाली है.
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