Delayed Housing Projects: देश के कई शहरों में घर की बुकिंग कराये एक दशक बीते जाने के बाद भी लाखों होम बायर्स अपने सपनों के आशियाना के पजेशन मिलने का इंतजार कर रहे हैं. इनमें कई लोग ऐसे भी हैं जो घर का किराया भी दे रहे और घर खरीदने के लिए बैंक से लिए गए होम लोन की ईएमआई भी. और इस वित्तीय बोझ ने कईयों की कमर तोड़कर रख दी है. ये होम बायर्स अपने घर की चाबी मिलने का इंतजार करने के लिए मजबूर हैं. ऐसे होम बायर्स को राहत देने के लिए केंद्र सरकार हरकत में आ गई है. केंद्र सरकार ने हाल ही में अटके और लटके हुए हाउसिंग प्रोजेक्ट्स को लेकर आरबीआई और बैंकों के साथ एक बैठक की है. 


4.80 लाख हाउसिंग यूनिट्स हैं अटके 


रियल एस्टेट सर्विसेज कंपनी एनारॉक के मुताबिक मई 2022 तक  देश के टॉप सात शहरों में 4.5 लाख करोड़ रुपये के 4,79,940 हाउसिंग यूनिट्स के कंस्ट्रक्शन का काम अटक चुका है. जिसमें दिल्ली-एनसीआर और मुंबई में ही 77 फीसदी ऐसे हाउसिंग प्रोजेक्ट्स हैं. बाकी 23 फीसदी में बैंगलुरू, चेन्नई, हैदराबाद में 9 फीसदी ऐसे प्रोजेक्ट्स हैं. सरकार जल्द से जल्द इन हाउसिंग प्रोजेक्ट्स को पूरा कर होम बायर्स को उनका आशियाना दिलाना चाहती है.


कैसे होंगे अटके हुए हाउसिंग प्रोजेक्ट्स पूरे!


मिंट की हवाले से एक रिपोर्ट के मुताबिक 2019 में लॉन्च किए गए स्पेशल विंडो फॉर अफोर्डेबल और मिड-हाउसिंग (SWAMIH) इंवेस्टमेंट फंड के जरिए कई ऐसे प्रोजेक्ट्स को पूरा किया गया जो अटक गए थे.  पर सरकारी अधिकारियों का कहना है कि इस दिशा में अभी और भी बहुत कुछ किए जाने की दरकार है.  स्पेशल विंडो फॉर अफोर्डेबल और मिड-हाउसिंग इंवेस्टमेंट फंड -1 के जरिए 2019 के बाद से कुल 20,557 हाउसिंग यूनिट्स को पूरा करना में सफलता मिली है. और एक बार मंजूरी मिलने के बाद 40 टीयर 1 और टीयर 2 शहरों में स्ठित 130 प्रोजेक्ट्स के 81,000 हाउसिंग यूनिट्स को बनाकर सौंपने पर विचार किया जा रहा है. 


सरकार के भीतर चल रहा मंथन 


सरकार के भीतर स्पेशल विंडो फॉर अफोर्डेबल और मिड-हाउसिंग (SWAMIH) इंवेस्टमेंट फंड और ज्यादा फंड देने को लेकर मंथन चल रहा है जिससे जल्द से जल्द अटके हुए हाउसिंग प्रोजेक्ट्स को पूरा किया जा सके. होम बायर्स के इस हाउसिंग प्रोजेक्ट्स में जीवन भर की गाढ़ी कमाई के निवेश को ध्यान में रखते हुए सरकार इस दिशा में ठोस कार्रवाई करना चाहती है. इसके लिए सरकार स्टेकहोल्डर्स, बैंकों और रेग्यूलेटर्स से बात कर रही है. इन बैंकों के फंसे पैसे को लेकर भी सरकार चिंतित है. इसी को ध्यान में रखते हुए शहरी विकास और हाउसिंग मिनिस्ट्री ने नीति आयोग के पूर्व सीईओ अमिताभ कांत की अध्यक्षता में 14 सदस्यीय कमिटी का गठन भी किया है. 


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