Interest Rate: ब्याज दरें बढ़ने से सरकार को फायदा, खजाने में ऐसे आ रहा है ‘मोटा पैसा’!
Rate Hike Effect: ब्याज दरें बढ़ने का सीधा मतलब होता है कि एक तरफ आम लोगों को कर्ज के बदले ज्यादा पैसे चुकाने पड़ते हैं, दूसरी ओर बैंकों समेत आरबीआई की भी कमाई बढ़ जाती है...
RBI Dividend: साल भर से ब्याज दरों में जारी बढ़ोतरी (Interest Rate Hikes) ने भले ही आम लोगों के लिए कर्ज लेना महंगा बना दिया हो, लेकिन केंद्र सरकार को इससे बड़ा फायदा होता दिख रहा है. आंकड़ों से जो रुझान मिल रहे हैं, उससे पता चलता है कि केंद्र सरकार को ब्याज दरें बढ़ने से मोटी कमाई होने वाली है.
सरकार को इतना मिलने की उम्मीद
आईडीएफसी फर्स्ट बैंक (IDFC First Bank) की एक रिपोर्ट बताती है कि पिछले वित्त वर्ष के लिए सरकार को रिजर्व बैंक से रिकॉर्ड डिविडेंड (RBI Dividend) प्राप्त हो सकता है. रिपोर्ट में आईडीएफसी फर्स्ट बैंक की इंडिया इकोनॉमिस्ट गौरा सेनगुप्ता बताती हैं कि रिजर्व बैंक से जो लाभांश मिलने वाला है, वह बजट के अनुमान से काफी ज्यादा हो सकता है. सरकार को वित्त वर्ष 2022-23 के लिए रिजर्व बैंक से लाभांश के रूप में 70 से 80 हजार करोड़ रुपये मिल सकते हैं.
लाभांश का बजट अनुमान
सरकार ने बजट में यह अनुमान जाहिर किया था कि उसे चालू वित्त वर्ष में सरकारी बैंकों और रिजर्व बैंक से लाभांश के रूप में 48 हजार करोड़ रुपये मिल सकते हैं. इस तरह देखें तो रिजर्व बैंक से जो लाभांश मिलने की उम्मीद दिख रही है, वह सरकार के बजट अनुमान की तुलना में लगभग दोगुणा हो सकता है. मतलब साफ है कि सरकार को इस मोर्चे पर तगड़ा फायदा होने की उम्मीद है.
रेपो रेट में इतनी बढ़ोतरी
रिजर्व बैंक अपनी कमाई के हिसाब से सरकार को लाभांश देता है. रिजर्व बैंक ने पिछले साल मई में लंबे समय के बाद रेपो रेट बढ़ाने की शुरुआत की थी. उसके बाद अब तक रेपो रेट को 2.50 फीसदी बढ़ाया जा चुका है. रेपो रेट वह ब्याज दर है, जिसके आधार पर सेंट्रल बैंक तमाम वाणिज्यिक बैंकों को उधार देता है. मतलब रेपो रेट जितना ज्यादा, रिजर्व बैंक की कमाई भी उतनी ज्यादा.
इस तरह से हुई कमाई
आईडीएफसी फर्स्ट बैंक की रिपोर्ट में कहा गया है कि पिछले साल के दौरान रिजर्व बैंक को कोई स्रोतों से तगड़ी कमाई होने की उम्मीद है. सेंट्रल बैंक को फॉरेन करेंसी की ट्रेडिंग से भी अच्छी कमाई हुई है. दूसरी ओर रेपो रेट बढ़ने के चलते घरेलू बैंकों से भी रिजर्व बैंक को ब्याज के रूप में ज्यादा पैसे मिले हैं. वहीं रेपो रेट बढ़ाने तथा बैंकिंग सिस्टम से नकदी कम करने के अन्य उपायों के बाद वाणिज्यिक बैंकों ने रिजर्व बैंक से उधारी भी बढ़ाई. इस तरह से रिजर्व बैंक को खूब फायदा हुआ, जिसका एक हिस्सा अब लाभांश के रूप में सरकारी खजाने में जाने वाला है.
ऐसा रहा है ट्रैक रिकॉर्ड
इससे पहले वित्त वर्ष 2021-22 में सेंट्रल बैंक ने सरकार को 30,307 करोड़ रुपये का लाभांश दिया था. केंद्र सरकार को आरबीआई से लाभांश के रूप में हुई सबसे ज्यादा कमाई वित्त वर्ष 2018-19 में रही थी, जब सेंट्रल बैंक ने 1.75 लाख करोड़ रुपये दिए थे. वहीं से लाभांश के रूप में सरकारी खजाने को 2020-21 में 99,122 करोड़ रुपये, 2019-20 में 57,127 करोड़ रुपये और 2017-18 में 50 हजार करोड़ रुपये मिले थे.
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