Petrol-Diesel Price: पेट्रोल-डीजल पर टैक्स लगाकर 5 वर्षों में 36 लाख करोड़ रुपये डकार गई केंद्र और राज्य सरकारें!
Tax On Petrol-Diesel: पेट्रोल-डीजल पर 5 वर्षों में जितना टैक्स वसूला गया है उसमें 60 फीसदी केंद्र सरकार के खजाने में गया है जबकि 40 फीसदी राज्य सरकारों के पास.
Petrol-Diesel Price: अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल (Crude Oil) के दामों में भले ही पिछले पांच वर्षों के दौरान बड़ी गिरावट देखने को मिली हो, लेकिन आम लोगों को महंगे पेट्रोल-डीजल (Petrol-Diesel) के दामों से कोई राहत नहीं मिली है. लेकिन इन पांच वर्षों में केंद्र और राज्य सरकारों ने पेट्रोल डीजल पर टैक्स लगाकर अपना खजाना जरूर भर लिया है. संसद में प्रश्नकाल में पूछे गए सवाल के जवाब में ये जानकारी सामने आई है. वित्त वर्ष 2019-20 के बाद से लेकर मौजूदा वित्त वर्ष 2024-25 की पहली तिमाही अप्रैल-जून तक पेट्रोल डीजल पर टैक्स के जरिए केंद्र और राज्य सरकारों ने 36.58 लाख करोड़ रुपये की कमाई की है.
5 वर्षों में 36.58 लाख करोड़ रुपये की कमाई
राज्यसभा में प्रश्नकाल में कांग्रेस सांसद रणदीप सिंह सुरजेवाला ने पेट्रोलियम मंत्रालय से मई 2019 के बाद से पेट्रोल डीजल पर सेंट्रल एक्साइज ड्यूटी, दूसरे टैक्स और सेस लगाकर वसूले गए रेवेन्यू की जानकारी मांगी. इस प्रश्न के लिखित जवाब में पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय के राज्य मंत्री सुरेश गोपी ने जो जानकारी दी है उसके मुताबिक वित्त वर्ष 2019-20 से लेकर वित्त वर्ष 2024-25 की पहली तिमाही अप्रैल - जून तक केंद्र और राज्य सरकार ने मिलकर 36,58,354 करोड़ रुपये वसूले हैं. जबकि पिछले पांच वित्त वर्ष 2019-20 से लेकर 2023-24 के दौरान केंद्र और राज्य सरकार ने टैक्स के जरिए 35 लाख करोड़ रुपये की कमाई की है.
पेट्रोल-डीजल पर 60% टैक्स जाता है केंद्र सरकार के पास
पेट्रोल-डीजल पर केंद्र और राज्य सरकार की ओर से वसूले गए टैक्स पर नजर डालें तो 36,58,354 करोड़ रुपये वसूले गए कुल टैक्स में 22,21,340 करोड़ रुपये केंद्र सरकार के खजाने में गया है. जबकि राज्य सरकार ने अपना टैक्स यानि वैट लगाकर 14,37,015 लाख करोड़ रुपये वसूले हैं. यानि पेट्रोल-डीजल पर पांच वित्त वर्षों के दौरान वसूले गए 36.58 लाख करोड़ रुपये टैक्स में 60 फीसदी केंद्र सरकार ने वसूले हैं जबकि 40 फीसदी टैक्स राज्य सरकार के खजाने में गया है.
केंद्र-राज्य सरकारें भर रही खजाना
राजधानी दिल्ली में पेट्रोल 94.77 रुपये प्रति लीटर में मिल रहा है. इसमें एक्साइज ड्यूटी और वैट को छोड़कर डीलर्स को 55.08 रुपये प्रति लीटर में पेट्रोल उपलब्ध कराया जाता है. जबकि एक्साइज ड्यूटी, डीलर कमीशन और वैट की हिस्सेदारी 39.69 रुपये है. पेट्रोल के दामों में केंद्र और राज्य सरकार की ओर से वसूले जाने वाले टैक्स की हिस्सेदारी 37.24 फीसदी है. जबकि राजधानी दिल्ली में डीजल की कुल कीमत में टैक्स की हिस्सेदारी 32.85 फीसदी है.
क्रूड के दामों में गिरावट, पर पेट्रोल-डीजल सस्ता नहीं
मौजूदा समय में इंटरनेशनल मार्केट में ब्रेंट क्रूड ऑयल 73 डॉलर प्रति बैरल के नीचे 72.85 डॉलर प्रति बैरल पर कारोबार कर रहा है. जबकि WTI क्रूड ऑयल 70 डॉलर प्रति बैरल के नीचे 68.68 डॉलर प्रति बैरल पर कारोबार कर रहा है. यानि भले ही कच्चे तेल के दामों में भारी गिरावट आ चुकी हो लेकिन पेट्रोल डीजल के महंगे दामों से आम लोगों को कोई राहत नहीं मिली है. वैसे आपको बता दें महंगे डीजल का भी, देश में महंगाई और खासतौर से खाद्बय महंगाई को बढ़ाने में बड़ा योगदान रहा है.
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