वित्त राज्य मंत्री ने मंगलवार को एक बयान में कहा कि केंद्र सरकार ने मौजूदा वित्त वर्ष के दौरान 10.21 लाख करोड़ रुपये में से जुलाई तक राज्यों को 3.09 लाख करोड़ रुपये दिए हैं. लोकसभा में एक बयान के दौरान पंकज चौधरी ने बताया कि जुलाई तक राज्यों को कुल 3,09,521.22 करोड़ रुपये चार किस्त में दी गई है. यह अमाउंट वित्त वर्ष 2023 से दोगुनी है.
वित्त राज्य मंत्री ने लोकसभा में एक बयान के दौरान ये सभी जानकारी शेयर की है. उन्होंने कहा कि जुलाई तक राज्यों को दिए गए अमाउंट में जीएसटी कलेक्शन, टैक्स और अन्य अमाउंट शामिल हैं. ये अमाउंट चार किस्त में बांटे गए हैं और आगे और भी अमाउंट किस्तों में ट्रांसफर किए जाएंगे.
केंद्र ने इतना किया जीएसटी कलेक्शन
वित्त राज्य मंत्री ने बताया कि राज्यों को बांटे गए 3.09 लाख करोड़ रुपये की शुद्ध आय में से केंद्रीय जीएसटी कलेक्शन जुलाई तक 94,368 करोड़ रुपये ट्रांसफर किए गए हैं. पंकज चौधरी ने कहा कि भारत के समेकित कोष में जमा किए गए सीजीएसटी का एक हिस्सा वित्त आयोग की स्वीकृत सिफारिशों के मुताबिक राज्यों को ट्रांसफर किया जाता है. वित्त वर्ष 2022-23 के दौरान राज्यों को जारी किए गए ऐसे सीजीएसटी ट्रांसफर की कुल राशि 2,68,334.19 करोड़ रुपये थी. इसे 14 किस्तों में जारी किया जाएगा.
राज्यों को इतना दिया जाएगा टैक्स
15 वें वित्त आयोग ने सिफारिश के मुताबिक, राज्यों को 2021-22 से 2025-26 की अवधि के दौरान केंद्र के डिवाइडेड टैक्स पूल का 41 प्रतिशत दिया जाए, जो 14वें वित्त आयोग की ओर से अनुशंसित स्तर के समान है. पंकज चौधरी ने एक अलग जवाब में कहा कि वस्तु एवं सेवा कर ने पारदर्शिता में उल्लेखनीय बढ़ोतरी करते हुए टैक्सों की संख्या और पूरे टैक्स बोझ को कम कर दिया है.
जीएसटी रजिस्ट्रेशन में भी बढ़ोतरी
पंकज चौधरी ने बताया कि सिर्फ जीएसटी कलेक्शन की संख्या में ही बढ़ोतरी नहीं हुई है. रजिस्ट्रेशन करने वाले लोगों की संख्या में भी इजाफा हुआ है. जीएसटी से पहले रजिस्टर टैक्सपेयर्स की संख्या करीब 54 लाख थी, जो अब जीएसटी के आने के बाद बढ़कर करीब 1.46 करोड़ हो चुकी है.
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