Lithium Reserve: जम्मू में मिले लिथियम को लेकर ऑक्शन की तैयारी, केंद्र सरकार इस महीने से शुरू कर सकती है नीलामी
Lithium in Indian: जम्मू में मिले लिथियम के लिए अब केंद्र सरकार ऑक्शन की तैयारी कर रही है. जल्द ही लिथियम के खनन के लिए बोलियां आमंत्रित की जाएगी.
Lithium Reserve: भारत में मिले लिथियम भंडार को लेकर अब ऑक्शन की तैयारी की जा रही है. केंद्र सरकार जून तिमाही की शुरुआत में जम्मू में खोजे गए नए लिथियम भंडार की नीलामी के लिए बोलियां आमंत्रित करने के लिए तैयार है. यह एक ऐसा कदम होगा, जो भारत को रणनीतिक खनिज तक पहुंच प्रदान करेगा और मोबाइल फोन से लेकर इलेक्ट्रिक वाहनों तक सबकुछ के लिए एक अच्छा संकेत होगा.
मिंट की रिपोर्ट के मुताबिक, एक सरकारी अधिकारी ने कहा कि खोज प्रारंभिक चरण की खोज नहीं है और सरकार की प्रक्रिया शुरू करने के लिए बोलियां बुलाने की योजना है. अधिकारी ने कहा कि यह एक, जी-3 स्तर की खोज है, जिसका अर्थ है कि हम महत्वपूर्ण भंडार के बारे में सुनिश्चित हैं और इसलिए इस महत्वपूर्ण गैर-लौह धातु को खनन करने की प्रक्रिया जल्द ही शुरू कर रहे हैं.
अधिकारी ने कहा कि नीलामी सभी के लिए खुली होगी, किसी भी अन्य सरकारी नीलामी की तरह, एक प्रमुख शर्त के साथ सरकार यह अनिवार्य करेगी कि लिथियम केवल भारत में ही यूज हो और इसके लिए अन्य देशों पर निर्भर नहीं होना पड़े.
बता दें कि भारत के खनन मंत्रालय ने बताया है कि जम्मू कश्मीर में बड़े लिथियम भंडार की खोज हुई थी. भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण ने पहली बार दिल्ली से 650 किमी उत्तर में जम्मू और कश्मीर के रियासी जिले के सलाल-हैमाना क्षेत्र में 5.9 मिलियन टन के लिथियम भंडार का पता लगाया था.
खनन मंत्रालय के मुताबिक, लिथियम और गोल्ड सहित 51 खनिज ब्लॉक राज्य सरकारों को दिए जा चुके हैं. इन 51 खनिज ब्लॉकों में से 5 ब्लॉक सोने से संबंधित हैं. अन्य ब्लॉक जम्मू कश्मीर, केंद्र शासित, आंध्र प्रदेश, छत्तीसगढ़, गुजरात, झारखंड, कर्नाटक के 11 राज्यों में फैले हैं. इसे 2018 से 2019 के कामों के आधार पर तैयार किया गया है.
लिथियम क्यों है खास
लिथियम का इस्तेमाल मोबाइल बैट्री बनाने से लेकर इलेक्ट्रिक वाहनों की बैट्री बनाने के लिए उपयोग किया जाता है. अगर ये लिथियम बैट्री भारत में यूज किया जाता है तो इलेक्ट्रिक इंडस्ट्री तेजी से आगे बढ़ेगी. साथ ही रोजगार के अवसर पैदा होंगे. अभी सरकार इलेक्ट्रिक वाहनों पर फोकस कर रही है और इलेक्ट्रिक वाहनों को आगे बढ़ाने के लिए सब्सिडी जैसी योजनाएं भी चला रही है.
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