Windfall Tax Rate Hike In India : केंद्र की मोदी सरकार ने आज शनिवार को घरेलू तेल कंपनियों (Indian Oil Companies) को बड़ा झटका दिया है. सरकार ने डीजल और हवाई ईंधन (ATF) के निर्यात पर होनेवाले अप्रत्याशित लाभ पर टैक्स यानी विंडफाल टैक्स (Windfall Tax) में बढ़ोतरी का ऐलान किया है. इसके अलावा घरेलू स्तर पर उत्पादित कच्चे तेल (Crude Oil) पर भी शुल्क को बढ़ा दिया है.
वित्त मंत्रालय ने क्या कहा
केंद्रीय वित्त मंत्रालय (Union Finance Ministry) ने आज शाम एक नोटिफिकेशन के जरिए इस बढ़ोतरी की जानकारी दी है. विंडफाल टैक्स 1 जुलाई को सरकार ने पहली बार लाया था और इसे विदेशी बाजारों में रिफाइंड क्रूड की बिक्री से बड़े मुनाफे पर टेक्स लगाया जाता है. यह एक तरह से स्पेशल एडीशनल एक्साइज ड्यूटी (Special Additional Excise Duty - SAED) भी कहा जाता है.
नई दरें आज रात से होंगी लागू
इस फैसले के बाद अब डीजल के निर्यात पर लगने वाला विंडफॉल टेक्स 12 रुपये प्रति लीटर हो गया है जबकि एटीएफ (ATF) पर अब शून्य की बजाय 3.50 रुपये प्रति लीटर टैक्स लगेगा. वहीं घरेलू स्तर पर निकाले गए कच्चे तेल पर शुल्क को 3,000 रुपये तक बढ़ाकर 11,000 रुपये प्रति टन कर दिया है. नई दरें आज रात रविवार से लागू होगी.
क्या है बढ़ोतरी की वजह
आपको बता दें कि विंडफाल टैक्स का हर 2 सप्ताह में रिव्यू किया जाता है. इसके पहले लगातार दो पखवाड़ों में विंडफाल टैक्स में कटौती हुई थी लेकिन वैश्विक स्तर पर कच्चे तेल की कीमतों में हाल में हुई बढ़ोतरी को देखते हुए इस बार कच्चे तेल, डीजल और एटीएफ पर शुल्क बढ़ाने का फैसला किया है.
इन पर होगा असर
केंद्र सरकार के इस फैसले का सरकारी और निजी दोनों कैटेगरी की कंपनियों पर पड़ने वाला है. प्राइवेट सेक्टर की रिफाइनरी कंपनियां रिलायंस (Reliance) और नायरा एनर्जी (Naira Energy) डीजल और एटीएफ के प्रमुख निर्यातक हैं. वही दूसरी ओर सार्वजनिक क्षेत्र की ओएनजीसी (ONGC) एवं निजी क्षेत्र की वेदांता (Vedanta) घरेलू स्तर पर कच्चे तेल का उत्पादन करती हैं. इन सभी कंपनियों पर इसका असर होगा.
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