हेडक्वार्टर में कदम रखे बिना Wipro के नए CEO ने किया ऐसा कारनामा, शेयर में आया 70% का भारी उछाल
थिएरी डेलापोर्ट भारत स्थित आईटी फर्म के पहले सीईओ हैं, जो भारतीय नहीं हैं और पिछले 6 महीनों से महामारी की वजह से संघर्ष कर रहे आईटी बिजनेस को पेरिस स्थित अपने घर से वर्चुअली मैनेज कर रहे हैं. वे पेरिस से ही दुनियाभर के कस्टमर, वर्कर्स और मैनजर के साथ मीटिंग कर रहे हैं.
मुंबईः कोविड-19 महामारी के बीच विप्रो (Wipro) ने 6 जुलाई 2020 को फ्रांस के थिएरी डेलापोर्ट को चीफ एग्जीक्यूटिव ऑफिसर (CEO) नियुक्त किया था. तब से अब तक उन्होंने कंपनी के बैंगलोर स्थित हेडक्वार्टर में कदम रखे बिना कंपनी के शेयरों में 70% तक वृद्धि लाने का कारनामा कर दिखाया है. यह अब तक किसी भी भारतीय सूचना एवं प्रौद्योगिकी (IT) फर्म के शेयरों में हुई सबसे ज्यादा बढ़ोतरी है.
थिएरी डेलापोर्ट भारत स्थित आईटी फर्म के पहले सीईओ हैं, जो भारतीय नहीं हैं और पिछले 6 महीनों से महामारी की वजह से संघर्ष कर रहे आईटी बिजनेस को पेरिस स्थित अपने घर से वर्चुअली मैनेज कर रहे हैं. वे पेरिस से ही दुनियाभर के कस्टमर, वर्कर्स और मैनजर के साथ मीटिंग कर रहे हैं. विप्रो के शेयरों में इस वक्त लगातार बढ़ोतरी हो रही है, जब कंपनी के सीईओ समेत 98 फीसदी कर्मचारी वर्क फ्रॉम होम (WFH) कर रहे हैं.
विप्रो के 53 वर्षीय सीईओ ने कई क्विक डिसीजन लिए, जिनमें शीर्ष स्तर पर 25 लोगों की संख्या को घटाकर 4 करना प्रमुख फैसला है. इसके अलावा अधिग्रहण में तेजी लाने, अमेरिका और यूरोप में ग्राहकों को बनाए रखने और विस्तार करने के लिए नए मल्टी-ईयर कॉन्ट्रैक्ट समेत कई अहम फैसलों ने कंपनी के बिजनेस को बढ़ने में सहायता की. उन्होंने पिछले 5 महीने में कई ऐसी डील्स को बंद कर दिया, जो पिछले 5 सालों से फर्म पर वित्तीय रूप से बोझ डाल रही थीं.
सीईओ का कार्यभार संभालने के बाद पेरिस में ब्लूमबर्ग को दिए पहले इंटरव्यू में थिएरी डेलापोर्ट ने कहा, “"अभी उद्योग में एक विशेष गति है और मैं विप्रो को उस स्थिति में वापस लाने के लिए तात्कालिकता को लागू करना चाहता हूं जहां वह होनी चाहिए. मुझे पता है कि मैं एक क्षेत्र में अच्छा हूं- वह है चीजें हासिल करना.”
मैनेजमेंट का लक्ष्य कंपनी को एक्सटर्नली फोकस करना और संगठन को डीसेंट्रलाइज्ड करना है, ताकि पहले की इंटरनल और ऑपरेशनल केंद्रित अप्रोच की तुलना में इस बार ग्रोथ को तेज किया जा सके. “सीईओ ने कहा कि ऑर्गनाइजेशन के स्ट्रक्चर में बदलाव कर P&L को 25 यूनिट से घटाकर 4 यूनिट किया जाएगा. इससे बेहतर निर्णय लेने, गो-टू-मार्केट रणनीति बनाने और लागत को कम करने में मदद मिलेगी.”
निवेशकों ने इस पर ध्यान दिया और लॉकडाउन से ठीक पहले विप्रो के शेयर 19 मार्च 2020 को 159.6 रुपये पर बंद हुए थे. वहीं 13 अक्टूबर, 2020 को अपने 52-सप्ताह के उच्च स्तर 381.70 रुपये पर पहुंच गए. इनमें 140% की वृद्धि दर्ज की गई. डेलापोर्ट के जुलाई के पहले सप्ताह में कार्यभार संभालने के बाद से शेयरों में लगभग 70% की वृद्धि हुई है.
विप्रो के शेयर सोमवार को मुंबई के एक फर्म बाजार में मामूली रूप से गिरकर 358.55 रुपये पर बंद हुए, जिससे कंपनी का मूल्य 204,923.45 रुपये हो गया. विश्लेषकों का मानना है कि विप्रो के मार्जिन में स्ट्रक्चरल बदलाव, मूल्य निर्धारण शक्ति, ऑपरेशनल एक्सीलेंस और कम खर्चों को बनाए रखने की संभावना है.
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