सिगरेट मैन्युफैक्चरिंग कंपनियों के लिए मुश्किलः काउंसिल ने बढ़ाया सिगरेट पर सेस
दरअसल जीएसटी लागू होने के बाद सिगरेट पर 28 फीसदी टैक्स लग रहा था जो पुराने दर के मुकाबले 8 फीसदी कम थी. जीएसटी लागू होने के बाद एक्साइज ड्यूटी खत्म हो गई थी, जिससे सिगरेट सस्ती हुई थी.
नई दिल्लीः 1 जुलाई को जीएसटी लागू होने के बाद आज पहली जीएसटी परिषद की बैठक में सिगरेट, टैक्सटाइल जैसे प्रोडक्ट्स पर टैक्स की दरें तय की गई हैं. जिसके बाद सिगरेट पर सेस में बढ़ोतरी कर दी गई है पर सरकार के इस फैसले सिगरेट की खुदरा कीमतों में बढ़ोतरी नहीं होगी. GST दरों के बाद मैन्युफैक्चरर्स को होने वाले उम्मीद से अधिक फायदे को देखते हुए सरकार ने सिगरेट पर लगने वाले सेस को बढ़ाया है. नई दरें सोमवार आधी रात यानी आज रात 12 बजे से लागू हो जाएंगी.
समझें सिगरेट पर सेस क्यों बढ़ाया गया है? वित्त मंत्रालय ने कहा कि सेस बढ़ाने का ये मतलब नहीं है कि सिगरेट महंगी की गई है. सिगरेट के दाम बढेंगे नहीं जैसा कहा जा रहा है. आज के फैसले के मुताबिक सिगरेट पर सेस बढाकर जीएसटी के पहले के बराबर टैक्स की दरें की गई हैं. पहले टैक्स की प्रभावी दरें कम थी जिसे आज सेस बढ़ाकर एक समान किया गया है. दरअसल जीएसटी लागू होने के बाद सिगरेट पर 28 फीसदी टैक्स लग रहा था जो पुराने दर के मुकाबले 8 फीसदी कम थी. जीएसटी लागू होने के बाद एक्साइज ड्यूटी खत्म हो गई थी, जिससे सिगरेट सस्ती हुई थी. दरअसल जीएसटी काउंसिल ने जीएसटी लागू होने के बाद सिगरेट कंपनियों को हुए फायदे को खत्म करने और खुद के एक्स्ट्रा रेवेन्यू के मकसद से सिगरेट पर सेस बढ़ाया है. इसके साथ ही सिगरेट के नए इसके साथ ही सिगरेट के नए रेट आज रात से लागू हो जाएंगे. इस फैसले से सरकार को 5 हजार करोड़ रुपए का अतिरिक्त रेवेन्यू मिलेगा जो अभी तक मैन्युफैक्चरर्स के खाते में जा रहा था.#Cess on #cigarettes of up to 65 mm raised by Rs 485 per thousand sticks and on those exceeding 65 mm by Rs 792 per thousand sticks.
— Press Trust of India (@PTI_News) July 17, 2017
Change in cess on #cigarettes to get Rs 5K cr additional revenue; new #tax rate to be effective midnight tonight: #FinanceMinister. — Press Trust of India (@PTI_News) July 17, 2017
जीएसटी रेट्स में सिगरेट पर लगने वाले जीसएटी की दर को 28 फीसदी और वैलोरम को 5 फीसदी की दर पर बरकरार रखा है. लेकिन फिक्स्ड सेस की दर को 485 रुपये से बढ़ाकर 792 रुपये किया है. वित्त मंत्री अरुण जेटली ने बताया कि सिगरेट पर 28 फीसदी जीएसटी के अलावा 5 फीसदी ऐड वेलोरम टैक्स चुकाना होगा. इसके बाद सिगरेट की लंबाई के आधार पर अतिरिक्त सेस वसूला जाएगा. अरुण जेटली ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए इस बैठक की अगुवाई की थी. जीएसटी काउंसिल ने सिगरेट के लिए 28 फीसदी की दर तय की थी जो जीएसटी रेट्स में अधिकतम है.
जानें सिगरेट पर सेस की नई दरें 65 मिलीमीटर तक लंबी सिगरेट पर लगने वाले सेस को बढ़ाकर 485 रुपये कर दिया है. 65 मिमी से लंबी सिगरेट पर लगने वाले सेस की दर को बढ़ाकर 792 रुपये कर दिया गया है. सेस की यह रकम प्रति 1000 सिगरेट पर वसूली जाएंगी.
हालांकि वित्त मंत्रालय की तरफ से कहा गया है कि सेस की दरों में बढ़ोतरी से ग्राहकों को ज्यादा कीमत का भुगतान नहीं करना चाहिए.
टेक्सटाइल के ऊपर जीएसटी रेट्स में कोई बदलाव नहीं वहीं टेक्सटाइल के ऊपर जीएसटी रेट्स में कोई बदलाव नहीं किया गया है. जीएसटी काउंसिल की अगली बैठक अगले महीने अगस्त के पहले हफ्ते में होगी. इसके अलावा ये भी बताया गया है कि अभी तक जीएसटी के तहत 75 लाख लोगों ने रजिस्ट्रेशन करा लिया है. वहीं 2.5 लाख लोगों को अगले 3 दिनों के भीतर जीएसटी पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन की मंजूरी मिल जाएगी.