केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनर्स के लिए बड़ी खबर, CGHS ने जारी किया नया गाइडलाइन; पढ़ें डिटेल
CGHS New Guidelines: सीजीएचएस की नई गाइडलाइन के मुताबिक, अब रेस्पिटरी डिवाइसों के परमिशन लेने के ऑनलाइन प्रॉसेस में बदलाव किया गया है. इससे अप्रूवल में तेजी आएगी.
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CGHS New Guidelines: केंद्रीय सरकार स्वास्थ्य योजना (cghs) ने नया गाइडलाइन जारी कर दिया है. स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने CPAP, BiPAP और ऑक्सीजन कंसंट्रेटर के लिए परमिशन लेने के ऑनलाइन प्रॉसेस में बदलाव किया है. इस बदलाव का मकसद कागजी कार्रवाई कम करने के साथ अप्रूवल में तेजी लाना और लाभार्थियों को अधिक सुविधा का लाभ देना है.
स्वास्थ्य मंत्रालय के नए निर्देश के अनुसार, CGHS के तहत ऐसी मशीनों की परमिशन लेने के लिए ऑनलाइन मोड को पूरी तरह से बदलने का फैसला लिया गया है. नई प्रक्रिया के तहत CGHS लाभार्थियों को अब वेलनेस सेंटर में अपने आवेदन डिजिटल रूप से जमा करने होंगे. इन आवेदनों में सभी जरूरी दस्तावेज शामिल होने चाहिए.
इस तरह से जमा करें अपना एप्लीकेशन
एनेक्श्चर-1 के अनुसार, लाभार्थियों को अपने पूरे एप्लीकेशन पैकेज को स्कैन करके अपने जोन या शहर के संबंधित अतिरिक्त निदेशक के कार्यालय को ईमेल करना होगा. वेलनेस सेंटर में हाई-स्पीड स्कैनर उपलब्ध नहीं हैं, तो एक या दो दिनों के भीतर पोस्ट के जरिए डॉक्यमेंट्स भेजे जाएंगे. इसी के साथ अतिरिक्त निदेशकों को सभी वेलनेस सेंटरों के लिए हाई-स्पीड स्कैनर खरीदने का निर्देश दिया गया है ताकि ऑनलाइन प्रॉसेस को सुविधाजनक बनाया जा सके.
एप्लीकेशन का डिजिटल रिकॉर्ड भी रखा जाएगा
परमिशन के डिजिटल रिकॉर्ड और अप्रूवल पर नजर रखने के लिए सभी आवेदनों को इलेक्ट्रॉनिक फाइल सिस्टम के जरिए प्रॉसेस किया जाएगा. ई-फाइल के सब्जेक्ट मैटर में बेनिफिशियरी का नाम और आईडी शामिल होगा और इश्यू होने वाले सभी रेस्पिटरी डिवाइसों की जानकारी भी इसमें होगी. बेहतर ट्रैकिंग के लिए ई-फाइल नंबर, बेनिफिशियरी आईडी और परमिशन डिटेल जैसी जानकारियां एक एक्सेल शीट में रखी जाएगी.
अगर आपका एप्लीकेशन मंजूर कर लिया जाता है, तो इसकी जानकारी आपको ईमेल पर दे दी जाएगी. आप चाहे तो इसकी सॉफ्ट कॉपी भी कलेक्ट कर सकेंगे. यह डिजिटलाइजेशन की तरफ हेल्थ सेक्टर का एक और बढ़ाया कदम है.
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