Changes In Insurance: 2022 बहुत ही अच्छा साल रहा इंश्योरेंस मार्केट के लिए, IRDAI के द्वारा यूज एंड फाइल को स्वीकृति देना बहुत ही बड़ा कदम रहा. यूज एंड फाइल की वजह से इंश्योरेंस की पहुंच और स्पीड टू मार्किट को बढ़ावा मिलेगा और नए-नए इनोवेटिव प्रोडक्ट्स भी आएंगे. पहले की तुलना में अब कंपनी के पास प्रोडक्ट को तय करने और प्रोडक्ट को अपने मुताबिक समय पर लॉन्च करने का अधिकार है. इससे पहले इंश्योरेसं कंपनी को प्रोडक्ट तय करने से पहले रेगुलेटर से स्वीकृति लेने की आवश्यकता होती थी जिसमे 3 से 4 महीने का समय लग जाता था, यूज एंड फाइल की वजह से समय की बचत हुई है.
साल 2022 में मार्किट में ओपीडी कवर भी लॉन्च हुआ है जो कि बहुत ही फायदेमंद है क्योंकि अस्पताल में भर्ती होने के पहले और अस्पताल से डिस्चार्ज होने का बाद भी दवाइयों, चिकित्सीय परामर्श, रेगुलर चेकअप जैसे बहुत खर्चे होते है जो व्यक्ति को अपनी जेब से वहन करना पड़ता था, लेकिन अब आप अपना हेल्थ इंश्योरेंस प्लान चुनते वक्त थोड़ा सा और अधिक प्रीमियम भरकर ओपोडी कवर का विकल्प चुन सकते है. ओपीडी कवर के अंतर्गत अस्पताल में भर्ती होने के पहले और अस्पताल के बाद भी जो चेकअप आप कराते हैं, या डॉक्टर से परामर्श लेते है और दवाईयों आदि का खर्च वो सब इसमें कवर किया जाता है.
मैटरनिटी कवर भी लॉन्च किया गया
इसके अलावा इस साल मार्किट में मैटरनिटी कवर भी लॉन्च किया गया, जो महिलाओं के लिए बहुत ही फायदेमंद है ये कवर ग्राहकों को विकल्प देता है कि अगर कुछ साल बाद वे मैटरनिटी प्लान कर रहे हैं तो उन्हे कवर करें. साथ ही इस वर्ष लोगों के बीच मेंटल हेल्थ को लेकर भी काफी जागरूकता बढ़ी है रेगूलेटर द्वार भी मैंटल हेल्थ को लेकर काफी अच्छे कदम उठाए गए है, जिसमें अब मेंटल हेल्थ को भी शारिरिक हेल्थ की तरह ही ट्रीट किया जाएगा अब आपके हेल्थ इंश्योरेंस में आपके मेंटल हेल्थ को भी कवर किया जाएगा.
जनरल इंश्योरेंस पॉलिसी खरीदते समय भी KYC अनिवार्य
2023 में आने वाले सबसे बड़ा बदलाव ये है कि जनरल इंश्योरेंस पॉलिसी खरीदते समय भी KYC अनिवार्य हो जाएगा, हालांकि किसी भी लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसी खरीदने के लिए KYC पहले से ही अनिवार्य है. KYC का सबसे बड़ा लाभ ये है कि अगर आप कोई हेल्थ इंश्योरेंस, ट्रैवल इंश्योरेंस, या टू-व्हीलर इंश्योरेंस खरदते हैं तो आपको KYC कराना होगा जिसकी वजह से इंश्योरेंस कंपनी आपको बेहतर सुविधाएं प्रदान कर पाएंगी. KYC की वजह से ग्राहक और इंश्योरेंस कंपनी दोनों हमेशा एक दूसरे के संपर्क में रहेंगे चाहे पॉलिसी के क्लेम का समय हो या पॉलिसी रिन्यू कराने की बात हो, इसकी वजह से ये पूरी प्रक्रिया बहुत ही सहज हो जाएगी जिससे ग्राहकों को होने वाली परेशानी बहुत ही कम हो जाएगी.
हेल्थ इंश्योरेंस पर लगने वाला जीएसटी कम होने की उम्मीद
इसके अलावा हेल्थ इंश्योरेंस पर लगने वाला 18 प्रतिशत जीएसटी आने वाले बजट के बाद 18 प्रतिशत से घटकर 12 प्रतिशत होने की उम्मीद है. साथ ही पिछले साल लॉन्च हुए यूज एंड फाइल के तहत और काफी सारे नए नए प्रोडक्ट्स के लॉन्च होने की उम्मीद है जैसे कि डेंटल कवर जिसके अंतर्गत आपके दांतों से संबंधित इलाज को कवर किया जाएगा, और ग्लोबल कवर एनआरआई लोगों के लिए.
लोगों में बढ़नी चाहिए इंश्योरेंस को लेकर जागरुकता
कोरोना की वजह से हेल्थ इंश्योरेंस को लेकर लोगों के बीच काफी जागरूकता बढ़ी है हालांकि कोरोना के मामले बीच में कम होने की वजह से लोग के बीच गंभीरता कम हो गई थी. लेकिन अब एक बार फिर कोरोना के मामले चीन में तेजी से बढ़ रहे है जिसकी वजह से लोगों को हेल्थ इंश्योरेंस के प्रति और गंभीर होने की आवश्यकता है. अगर सम इंश्योर्ड की बात करें तो पहले बहुत ही कम होता था, पहले यह 2 लाख से 3 लाख तक का होता लेकिन आने वाले समय में लोग ज्यादा सम इंश्योर्ड वैल्यू वाली पॉलिसी का चुनाव करने वाले है जो कि बहुत ही कम प्रीमियम पर उपलब्ध है.
डिस्क्लेमरः लेखक सिद्धार्थ सिंघल पॉलिसीबाजार डॉट कॉम में बिजनेस हेड-हेल्थ इंश्योरेंस हैं. प्रकाशित विचार उनके निजी हैं.
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