अगर आप वेतनभोगी कर्मचारी हैं तो आपको अपने दफ्तर से FORM -16 मिल गया होगा. इनकम टैक्स विभाग ने इस बार एम्पलॉयर के लिए FORM-16 जारी करने की तारीख 15 जून से बढ़ा कर 15 अगस्त तक कर दी थी. इनकम टैक्स रिटर्न भरने से पहले यह तय कर लें कि FORM-16  में भरी आपकी टैक्स देनदारी और दूसरी संबंधित जानकारियां सही हैं कि नहीं? आप क्या चेंक करेंगे इन्हें जान लें.


PAN सही है या नहीं


आपको देखना होगा कि आपके FORM-16 में आपका PAN सही तरीके से दर्ज है या नहीं. अगर PAN गलत होगा तो आपकी सैलरी से जो टैक्स काटा गया है वह FORM-26AS में नहीं दिखेगा और आप आईटीआर दाखिल करते वक्त टैक्स क्रेडिट क्लेम नहीं पाएंगे. FORM-26AS आपका टैक्स पासबुक है. आपका जो भी टैक्स कटा है, वह इसमें दर्ज होता है. आप जो भी एडवांस टैक्स या सेल्फ टैक्स असेसमेंट टैक्स देंगे, वो इसमें दिखेगा.


FORM -16 का पार्ट A चेक करें


FORM-16 के पार्ट- A में आपके एंप्लॉयर की ओर से काटे गए टैक्स का संक्षिप्त विवरण होता है. इसमें आपका नाम, पता और PAN और एंप्लॉयर का TAN होता है. आपके PAN पर सरकार के पास कितना टैक्स जमा हुआ है उसका तिमाही ब्योरा होता है. इसमें  आपकी सैलरी से कितना टैक्स कटा है यह भी लिखा होता है.


FORM-16 का पार्ट B


इसमें आपके एंप्लॉयर की ओर से आपको हुई आय का ब्योरा होता है. आईटीआर में जिस फॉरमेट में आपको ब्योरा भरना होता है, उसे फॉरमेट में आपको इसमें अपनी आय का ब्योरा मिल जाता है. इसलिए टैक्सपेयर को सिर्फ उसका ब्योरा इसमें से कॉपी करके भरना होता है.अगर आप आईटीआर 1 को ऑनलाइन भर रहे हैं तो ये डिटेल पहले से भरे होते हैं. फिर भी पहले से भरी जानकारी को अपने फॉर्म-16 में दर्ज जानकारी से मिला लें.


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