Chhath Puja Special Train: दिवाली का त्योहार खत्म होने के साथ ही बिहार, झारखंड और पूर्वी उत्तर प्रदेश में छठ के त्योहार (Chhath Puja 2022) की घूम शुरू हो चुकी है. लोग देश के कोने-कोने से छठ का महापर्व मनाने के लिए अपने घरों को लौटते हैं. इस कारण ट्रेन, बस और फ्लाइट हर जगह टिकट के लिए मारामारी रहती है. छठ के वक्त रेलवे के सामने एक बड़ी चुनौती रहती है कि वह ज्यादा से ज्यादा यात्रियं को कंफर्म टिकट दे सकें. ऐसे में पैसेंजर्स की सुविधा को देखते हुए रेलवे (Indian Railway) ने छठ के लिए 250 स्पेशल ट्रेनों को चलाने का फैसला किया है.


रेल मंत्री ने खुद दी जानकारी
इस मामले पर खुद रेल मंत्री अश्विनी वैष्‍णव (Railway Minister Ashwini Vaishnaw) ने जानकारी देते हुए बताया कि मोदी सरकार ने छठ महापर्व को देखते हुए पूरी तैयारी कर ली है. रेलवे इस खास मौके पर ज्यादा से ज्यादा लोगों को घर पहुंचाने के लिए 250 से ज्यादा स्पेशल ट्रेनें (Chhath Special Trains 2022) चला रहा है. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि हम इन ट्रेनों के जरिए 1.4 लाख लोगों को बर्थ दे रहे हैं. उन्होंने कहा कि जहां बाकी राज्यों के लोग दिवाली मना कर लौट रहे हैं, वहीं बिहार के लोग त्योहार मनाने के लिए अपने घर जा रहे हैं. ऐसे में ट्रेनों में टिकट को लेकर बहुत मारामारी है. ऐसे में लोगों को राहत देने के लिए रेलवे ने छठ पूजा के लिए 250 स्पेशल ट्रेनों (Chhath Puja Special Train) को चलाने का फैसला किया है.


ट्रेन लगाएगी 2,614 फेरे
रेल मंत्री ने यह भी बताया कि भारतीय रेलवे ने यात्रियों की भीड़ को कंट्रोल करने के लिए कुल 211 ट्रेनों की शुरुआत पहले की थी. यह ट्रेनें कुल 2,561 फेरे लगाने वाली थीं. अब रेलवे मंत्री ने बताया है कि इस स्पेशल ट्रेनों की संख्या को बढ़ाकर 250 कर दिया गया है. यह सभी ट्रेनों कुल मिलाकर 2,614 फेरे लगाएंगी. इसके साथ ही रेल मंत्री ने सभी लोगों को छठ महापर्व का बधाई भी दी. इसके साथ ही उन्होंने यह भी बताया कि इस पूरे फेस्टिव सीजन में रेलवे ने कुल 36 लाख से ज्यादा एक्स्ट्रा बर्थ देश भर में यात्रियों को प्रदान करने के लिए काम किया है.


आज से शुरू हो चुकी है छठ महापर्व
आपको बता दें कि बिहार, झारखंड और पूर्वी उत्तर प्रदेश में छठ महापर्व को बहुत धूमधाम से मनाया जाता है. यह चार दिन का त्योहार होता है. इस साल यह त्योहार 28 अक्टूबर 2022 से शुरू होकर 31 अक्टूबर 2022 तक चलेगा. पहले दिन यानी आज नहाय-खाय  के साथ पर्व की शुरुआत होती है. इसके बाद दूसरे दिन खरना, तीसरे दिन डूबते हुए सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है. इसके चौथे दिन उगते हुए सूर्य को अर्घ्य देकर पर्व का समापन होता है. 


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