CEA on Billionaire: भारत के मुख्य आर्थिक सलाहकार वी अनंत नागेश्वरन ने चेतावनी दी है कि अगर देश में अरबपति टैक्स लागू करने की कोशिश की गई तो भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए यह आत्मघाती कदम होगा. क्योंकि इससे पूंजी भारत से बाहर निकलकर दूसरे देशों में चली जाएगी. देश में हो रहे निवेश पर भी इसकी मार पड़ेगी और आखिरकार भारत की इकोनॉमी बर्बाद हो जाएगी.


टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, एक समारोह में बोलते हुए उन्होंने कहा कि अरबपतियों पर टैक्स लगाकर गरीबी दूर करने या आर्थिक समानता लाने के बारे में सोचने का तरीका ठीक नहीं है. उन्होंने कहा  कि भारत ने बड़ी आबादी को गरीबी रेखा से ऊपर लाने में सफलता हासिल की है. 


परिणामों की समानता की जगह अवसर की समानता जरूरी


भारत के मुख्य आर्थिक सलाहकार ने कहा कि हमें आर्थिक मामलों या गरीबी को देखने के लिए परिणामों की समानता की जगह अवसर की समानता के बारे में बात करनी चाहिए. इससे बड़ी आबादी के लिए संभावनाओं के द्वार खुलते हैं. शिक्षा, कौशल, विकास, प्रयास और व्यक्तिगत दृष्टिकोण के विकास से अवसरों की यह समानता अर्जित की जा सकती है. देश में पूंजी रहने पर ही ये अवसर लोगों को मिल सकते हैं, लेकिन अगर पूंजी बाहर चली गई तो इसे वापस लाना बहुत ही कठिन होगा. उन्होंने कहा कि पूंजी पर कम टैक्स लगाने से वे निवेश के लिए प्रेरित नहीं हो सकते हैं. वहीं अगर पूंजी पर अधिक टैक्स लगा दिया तो पूंजी भी बाहर जा सकती है और पूंजीपति भी बाहर जा सकते हैं.


रेगुलेशन से समानता लाने की कोशिश में गरीब पिसेंगे


वी अनंत नागेश्वरन ने कहा कि रेगुलेशन के माध्यम से अगर समानता लाने की कोशिश की गई तो इसकी मार गरीबों पर ज्यादा पड़ेगी. क्योंकि पहले भी ऐसा हो चुका है. छोटे कारोबारियों और दुकानदारों को इसका ज्यादा नुकसान होता है. उन्होंने कहा कि देश की टॉप-20 कंपनियों और बाकी कंपनियों के बीच का अंतर कम हो रहा है. अति धनवानों पर कर लगाने पर जोर देने के लिए उन्होंने अर्थशास्त्री थॉमस पिकेटी को भी आड़े  हाथों लिया. 


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