Chief Economic Advisor V Anantha Nageswaran: केन्द्रीय वित्त मंत्रालय (Finance Ministry) के मुख्य आर्थिक सलाहकार (Chief Economic Advisor) वी.अनंथ नागेश्वरन (V Anantha Nageswaran) ने मंगलवार को बड़ा बयान दिया है. अनंथ नागेश्वरन ने कहा कि, केंद्र सरकार के सुधारों की बदौतल भारतीय अर्थव्यवस्था (Indian Economy) अपने बेहतर प्रदर्शन करने के लिए तैयार है. साथ ही इस दशक की शेष अवधि में आर्थिक वृद्धि दर (Economic Growth Rate) 6.5 से 7 प्रतिशत के बीच रहने की उम्मीद जताई है.


महंगाई काबू में रहेगी 


नागेश्वरन ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Finance Minister Nirmala Sitharaman) के संसद में आर्थिक समीक्षा (Economic Review) पेश करने के बाद मीडिया से चर्चा की. उन्होंने इस बातचीत में कहा कि वित्त वर्ष 2023-24 में विपरीत चुनौतियों को छोड़ दिया जाए, तो कुल मिलाकर मुद्रास्फीति के दायरे में ही रहने का अनुमान है. उन्होंने कहा कि मेरा मानना है कि वैश्विक अर्थव्यवस्था (Global Economy) में अनिश्चितताओं को देखते हुए निर्यात संभावनाओं पर गौर किये बिना दशक की बची हुई अवधि में जीडीपी वृद्धि दर 6.5 से 7 प्रतिशत के बीच रहेगी.


एफडीआई में शानदार बढ़ोतरी


चीफ इकनोमिक एडवाइजर (CEA) ने कहा कि, वित्त वर्ष 2022 में एफडीआई प्रवाह (FDI Inflow) 21.3 बिलियन डॉलर था, जो वित्त वर्ष 2021 से 76 फीसदी अधिक था. भारतीय फार्मास्युटिकल निर्यात (Pharmaceutical Exports) ने वित्त वर्ष 2021 में 24 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की है. सितंबर 2022 तक फार्मा सेक्टर में संचयी एफडीआई 20 अरब डॉलर के आंकड़े को पार कर गया है.


अगले चरण के लिए तैयार रहना 


उन्होंने कहा कि, हमें अब कोरोना महामारी (Corona Pandemic) से उबरने की बात नहीं करनी है. उन्होंने कहा कि, हमें अगले चरण की ओर देखना है. केंद्र सरकार 6.4 फीसदी राजकोषीय घाटे की दिशा में आगे बढ़ रही है. अप्रैल से नवंबर 2022 तक सकल कर राजस्व में 15.5 फीसदी की वृद्धि हुई है. साथ ही 2021-22 में देश की जीडीपी 8.7 फीसदी रही थी. आर्थिक सर्वे में कहा कि एमएसएमई सेक्टर (MSME Sector) को दिए जाने वाले कर्ज में जबरदस्त उछाल देखने को मिला. एमएसएमई को जनवरी से नवंबर 2022 के बीच 30.5 फीसदी ज्यादा कर्ज दिया है.


एक्सपोर्ट सेक्टर के ये रखा टारगेट 


चीफ इकनोमिक एडवाइजर (CEA) ने कहा कि एक्सपोर्ट सेक्टर में 8 प्रतिशत की आर्थिक वृद्धि दर हासिल करने में सक्षम हैं. सरकार के 8 प्रतिशत या 9 प्रतिशत वृद्धि दर पर गौर करने का कारण है. पहले दशक में वैश्विक अर्थव्यवस्था तेजी से बढ़ रही थी और अब यह नरमी के दौर में है.


इस खबर में इनपुट भाषा से लिए गए हैं...


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