India GDP Growth: मुख्य आर्थिक सलाहकार को यकीन, 7.2 फीसदी से भी ज्यादा रह सकती है वृद्धि दर
CEA on Growth Rate: हाल ही में भारतीय अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर को लेकर आधिकारिक आंकड़े जारी हुए थे. आंकड़ों के अनुसार, पिछले वित्त वर्ष में वृद्धि दर 7.2 फीसदी रही है...

भारत की अर्थव्यवस्था (India Economy) प्रतिकूल परिस्थितियों में शानदार गति से वृद्धि कर रही है. ऐसे समय में जब यूरोप में मंदी (Europe Recession) आ चुकी है, भारत ने पिछले वित्त वर्ष के दौरान 7.2 फीसदी की दर से आर्थिक वृद्धि (GDP Growth Rate) की है. हाल ही में इसके आधिकारिक आंकड़े जारी हुए हैं. हालांकि मुख्य आर्थिक सलाहकार (Chief Economic Advisor V Anantha Nageswaran) का मानना है कि वास्तविक आंकड़े इससे भी ज्यादा हो सकते हैं.
मुख्य आर्थिक सलाहकार की बात
मुख्य आर्थिक सलाहकार वी अनंत नागेश्वरन का कहना है कि जब जीडीपी के अंतिम आंकड़े आएंगे, तब वित्त वर्ष 2022-23 के लिए देश की आर्थिक वृद्धि दर 7.2 फीसदी के हालिया अनुमान से ज्यादा रह सकती है. सीईए ने कहा कि पिछले वित्त वर्ष के दौरान वास्तविक जीडीपी वृद्धि दर 7.2 फीसदी थी, जो इससे पिछले वित्त वर्ष के 9.1 फीसदी से कम है. हालांकि, मुझे लगता है कि पिछले वित्त वर्ष की वृद्धि दर 7.2 फीसदी से कहीं ज्यादा रहने वाली है.
3 साल बाद आते हैं अंतिम आंकड़े
वित्त वर्ष 2022-23 के लिए जीडीपी के अंतिम आंकड़े 2026 में आएंगे. जीडीपी के आंकड़ों में कई बार बदलाव किया जाता है. लगातार संशोधन होने के बाद अंतिम आंकड़े करीब 3 साल के बाद सामने आ पाते हैं. इसका कारण है कि अर्थव्यवस्था के कई पहलुओं को तत्काल माप पाना संभव नहीं होता है. जैसे-जैसे आंकड़े स्पष्ट होते जाते हैं, जीडीपी और ग्रोथ रेट में संशोधन होता रहता है.
सरकार और आरबीआई एकमत
सीईए ने शनिवार को कहा कि वित्त वर्ष 2023-24 के वृद्धि के पूर्वानुमानों को लेकर सरकार और भारतीय रिजर्व बैंक की राय एक है. दोनों ने 6.5 फीसदी वृद्धि का अनुमान जताया है. नागेश्वरन ने उद्योग संगठन भारत चैंबर ऑफ कॉमर्स के एक कार्यक्रम में कहा कि वित्त मंत्रालय और आरबीआई, दोनों ने चालू वित्त वर्ष में 6.5 फीसदी वृद्धि का अनुमान जताया है. घरेलू आर्थिक वृद्धि की गति बाहरी जोखिमों पर काबू पाने के लिए काफी मजबूत है.
रिजर्व बैंक का ये है अनुमान
आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने बृहस्पतिवार को मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की बैठक के बाद कहा कि 2023-24 के लिए सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि दर 6.5 फीसदी रहने का अनुमान है. केंद्रीय बैंक ने इससे पहले अप्रैल में कहा था कि वृद्धि दर 6.4 फीसदी रह सकती है.
अल-नीनो से सीईए को भी चिंता
सीईए का मानना है कि तेल की कम कीमतों और घरेलू स्तर पर व्यापक आर्थिक स्थिरता से भारत को लाभ मिल रहा है. भारत ने प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में सर्वाधिक तेजी से वृद्धि दर्ज की है, जो चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही के लिए अच्छा संकेत है. नागेश्वरन ने कृषि के बारे में कहा कि हालांकि अल नीनो प्रभाव के बारे में चिंताएं हैं, लेकिन देश के जलाशयों में पर्याप्त पानी है और बीज तथा खाद भी पर्याप्त रूप से उपलब्ध हैं.
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