China Real Estate Crisis: चीन की बढ़ गई मुसीबत, अब शेयर बाजार को डराने लगा रियल एस्टेट वाला संकट
China Economic Crisis: दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था चीन इन दिनों अभूतपूर्व दिक्कतों का सामना कर रहा है. चीन के रियल एस्टेट सेक्टर का संकट बढ़ता ही जा रहा है...
दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था चीन के सामने इन दिनों एक अभूतपूर्व संकट खड़ा हो गया है. रियल एस्टेट सेक्टर का संकट थमने का नाम नहीं ले रहा है. प्रॉपर्टी का यह संकट अब चीन के शेयर बाजारों को भी डराने लग गया है. बाजार के निवेशकों को इस बात का डर सता रहा है कि प्रॉपर्टी क्राइसिस का सबसे खराब स्टेज अभी सामने नहीं आया है.
ऐसी हो चुकी है इकोनॉमी की हालत
चीन में प्रॉपर्टी के संकट ने अर्थव्यवस्था की चाल धीमी करने में सबसे बड़ा रोल अदा किया है. हाल ऐसा हो गया है कि दशकों तक 10 फीसदी या उससे अधिक दर से वृद्धि कर रही अर्थव्यवस्था के लिए इस साल 5 फीसदी ग्रोथ रेट भी बहुत मुश्किल लक्ष्य लग रहा है. संकट के चलते चीन के शेयर बाजार से विदेशी निवेशकों ने हाल-फिलहाल में भारी बिकवाली की है.
इसे मान रहे हैं सबसे बड़ा संकट
चीन का शेयर बाजार अभी दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा शेयर बाजार है. ब्लूमबर्ग न्यूज के एक सर्वे के अनुसार, चीन के शेयर बाजार के सामने अभी सबसे बड़ी समस्या रियल एस्टेट ही है. सर्वे में 15 एनालिस्ट व मनी मैनेजर्स की राय ली गई है. उनमें से 9 हांगकांग और चीन के हैं. ज्यादातर एनालिस्ट 2023 की अंतिम तिमाही के दौरान हाउसिंग सेक्टर को सबसे बड़ी चुनौती मान रहे हैं. भू-राजनीतिक तनाव को दूसरी सबसे बड़ी चुनौती बताया जा रहा है.
अचानक सामने नहीं आई समस्या
चीन के रियल एस्टेट सेक्टर में समस्या अचानक सामने नहीं आई है. एनालिस्ट मानते हैं कि समस्या बहुत पहले शुरू हो गई थी, लेकिन उसके साफ असर दो-तीन साल से दिखने शुरू हुए और अब वे नियंत्रण से बाहर हो चुके हैं. हाउसिंग सेक्टर में डिमांड काफी कमजोर है. बाजार में लिक्विडिटी की कमी है. बाजार को सरकार से आक्रामक राहत उपायों की उम्मीद थी, लेकिन सरकार की ओर से इस बारे में कोई संकेत नहीं मिल रहा है. ऐसे में संकट के गहराने की आशंका प्रबल हो गई है.
इस कदर गंभीर हो चुकी है स्थिति
प्रॉपर्टी से जुड़े शेयरों को लेकर धारणा अभी 12 साल के निचले स्तर पर है. रियल एस्टेट सेक्टर कम डिमांड के बीच ओवर सप्लाई की समस्या से जूझ रहा है. चीन की आबादी 1.4 अरब है, जबकि बाजार में 3 अरब लोगों की जरूरत के लिए पर्याप्त घर तैयार हैं. एवरग्रांडे ग्रुप को लेकर अनिश्चितता बरकरार है, जो पूरे संकट के केंद्र में है. चीन की एक और बड़ी रियल एस्टेट कंपनी कंट्री गार्डन होल्डिंग्स पब्लिक बॉन्ड के डिफॉल्ट से बचने के लिए हाथ-पैर चला रही है. कुल मिलाकर देखें तो फिलहाल स्थिति ठीक नहीं मालूम पड़ती है.
ये भी पढ़ें: टैक्स डिपार्टमेंट के निशाने पर हजारों कंपनियां, सामने आए 5 साल पुराने पाप, अब 30 दिन में देना होगा जवाब