कड़ी निगरानी के बावजूद भी भारत को लग रहा है कि चीन संदिग्ध तरीके से भारतीय बाजार में अपनी चीजों को झोंक रहा है. भारत को शक है कि चीन सीधे नहीं बल्कि उन एशियाई देशों के जरिये उसके बाजार में माल भेज रहा है, जिनके साथ उसके मुक्त व्यापार समझौते यानी एफटीए हैं. यही वजह है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस सप्ताह भारत के साथ एशियाई देशों के मुक्त व्यापार समझौतों की समीक्षा करेंगे.
भारत के साथ चीन के कारोबारी समझौतों की समीक्षा से पहले मुख्य आर्थिक सलाहकार के. सुब्रमण्यम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए एशियाई देशों के साथ मुक्त व्यापार समझौते की समीक्षा करेंगे. इकनॉमिक टाइम्स की एक खबर के मुताबिक यह समीक्षा इसी सप्ताह हो सकती है. इसमें वाणिज्य मंत्रालय के आला अधिकारी मौजूद रहेंगे. यह वर्चुअल मीटिंग होगी.
एशियाई देशों से भारत के एफटीए की होगी समीक्षा
वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय साउथ एशियन फ्री ट्रेड एग्रीमेंट और आसियान के साथ भारत के मुक्त व्यापार समझौते की जांच कर रहा है. इनमें जापान, दक्षिण कोरिया, श्रीलंका और सिंगापुर जैसे देश शामिल हैं.मंत्रालय के अधिकारी देख रहे हैं कि इन समझौतों में क्या ऐसे प्रावधान हैं, जिनसे चीन इन देशों के जरिये अपने प्रोडक्ट भारत में झोंक सकता है.
भारत और चीन के बीच कारोबार एशिया पैसिफिक ट्रेड एग्रीमेंट यानी APTA के जरिये होता है. भारत इसकी भी समीक्षा करेगा. भारत चीन को प्राइमरी चीजें जैसे कपास, लौह अयस्क, पेट्रोलियम प्रोडक्ट, कच्चा प्लास्टिक निर्यात करता है, चीन भारत को बने-बनाए सामान और इंटरमीडिएट सामान निर्यात करता है. भारत और चीन के बीच व्यापार में संतुलन पूरी तरह चीन के पक्ष में झुका है. भारत का चीन के साथ 48.66 बिलियन डॉलर का व्यापार घाटा है. गलवान घाटी में चीनी सैनिकों के हमले के बाद भारत चीन से अपने कारोबारी रिश्तों की समीक्षा का मन बनाया है. भारतीय बाजार में चीनी सामानों के प्रवेश पर कड़े नियम भी बनाए जाएंगे.