NSE Co-location Case: एनएसई को-लोकेशन घोटाले मामले में गिरफ्तार सीईओ चित्रा रामकृष्ण को आज अदालत में किया जाएगा पेश
NSE Co-location Scam: NSE की पूर्व CEO चित्रा रामकृष्ण को दिल्ली में गिरफ्तार किया है. फिलहाल उन्हें जांच एजेंसी के मुख्यालय में रखा गया है.
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NSE CO-location Scam: नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) के को-लोकेशन घोटाले ( NSE co-location scandal ) में गिरफ्तार किए गए पूर्व CEO चित्रा रामकृष्ण (Chitra Ramkrishna ) को सोमवार को लोकल कोर्ट में पेश किया जाएगा जहां उनकी कस्टडी मांगी जाएगी ताकि आगे पूछताछ की जा सके. CBI ने रविवार देर शाम चित्रा रामकृष्ण को दिल्ली में गिरफ्तार किया है. फिलहाल उन्हें जांच एजेंसी के मुख्यालय में रखा गया है. तीन दिनों तक उनसे पूछताछ और आवास की तलाशी लेने के बाद सीबीआइ ने यह कदम उठाया है.
पूछताछ के दौरान जांच एजेंसी ने फोरेंसिक विज्ञान प्रयोगशाला के एक वरिष्ठ मनोवैज्ञानिक की भी सेवाएं लीं गई. शनिवार को दिल्ली कोर्ट ने NSE Co-location मामले में रामकृष्ण की गिरफ्तारी से पहले जमानत याचिका खारिज कर दी थी. CBI ने जमानत का विरोध करते हुए दलील दी कि रामकृष्ण जांच में सहयोग नहीं कर रही हैं. CBIइस मामले में पिछले 4 साल से जांच कर रही है।
CBI ने 25 फरवरी को नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) के एक पूर्व शीर्ष अधिकारी आनंद सुब्रमण्यन (Anand Subramanian) को गिरफ्तार कर चुकी है. जांच एजेंसी ने कुछ हाई फ्रीक्वेंसी ट्रेडर्स को एक्सचेंज के नेटवर्क सर्वर्स तक कथित अनुचित पहुंच देने के मामले की जांच में आगे बढ़ने के साथ यह कार्रवाई की है.
क्या है एसएनई को-लोकेशन घोटाला?
एसएनई को-लोकेशन का मतलब है कि ब्रोकरेज हाउस अपने सर्वर एक्सचेंज को NSE के सर्वर से नजदीक रखते हैं. इसके चलते ब्रोकरेज हाउस के सदस्य बहुत तेजी से NSE के सर्वर को एक्सेस कर सकते हैं. इससे उन्हें बाय और सेल ऑर्डर जल्दी-जल्दी प्लेस करने में मदद मिलती है.
कई ब्रोकरेज हाउस हैं जिन्होंने ये को-लोकेशन की सुविधा चुनी हैं. सेबी को 2015 में एक ब्रोकर से शिकायत मिली कि को-लोकेशन फैसेलिटी लेने वाले बाकी लोगों के मुकाबले कुछ लोगों को ज्यादा जल्दी डेटा मिल रहा था जो को-लोकेशन के सिद्धांत के खिलाफ है. को-लोकेशन में डेटा एक्सेस हर सदस्य के लिए पारदर्शी और बराबर होना चाहिए.
इस शिकायत के बाद ही सेबी ने जांच शुरू की. जांच में पता चला कि NSE ने सदस्यों के बीच भेदभाव किया है. सेबी की जांच में ये बात सामने आई कि कंपनी के CEO रवि नारायण और चित्रा रामकृ्ष्णा के कार्यकाल में सबसे ज्यादा गड़बड़ियां हुई हैं और इसके लिए ये दोनों जिम्मेदार हैं.
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