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इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने के लिए सही फॉर्म का करें चुनाव, नहीं तो हो सकती है मुश्किल
आईटीआर फॉर्म 7 तरह के होते हैं. ये फॉर्म अलग-अलग श्रेणी के करदाताओं के लिए होते हैं. आईटीआर फाइल करते समय सही फॉर्म का चुनाव करना बेहद जरूरी होता है.
![इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने के लिए सही फॉर्म का करें चुनाव, नहीं तो हो सकती है मुश्किल Choose the correct form to file your income tax return, otherwise you may be caught in trouble इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने के लिए सही फॉर्म का करें चुनाव, नहीं तो हो सकती है मुश्किल](https://static.abplive.com/wp-content/uploads/sites/2/2020/12/16210829/IT-1.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=1200&height=675)
इनकम टैक्स रिटर्न बिना देरी किए भर देना चाहिए. इस बार कोरोना को देखते हुए आटीआईर भरने की समयसीमा 31 दिसंबर तक बढ़ा दी गई है. आईटीआर फाइल करते समय सही फार्म का चुनाव करना जरूरी है. आपने अगर गलत फार्म भर दिया तो इसके स्वीकार नहीं किया जाएगा और आपको इनकम टैक्स के सेक्शन 139(5) के तहत संशोधित विवरणी (रिवाइज्ड रिटर्न) दाखिल करने के लिए कहा जाएगा.
सात तरह के फार्म आईटीआर फॉर्म 7 तरह के होते हैं. ये फॉर्म अलग-अलग श्रेणी के करदाताओं के लिए होते हैं. ये श्रेणियां करदाता के स्टेटस, आय के स्रोत, कारोबार वगैरह से तय होती है. जानते हैं ये सात फॉर्म कौन-कौन से हैं
आईटीआर 1 फॉर्म
- वेतन, प्रॉपर्टी के किराए, ब्याज, 5,000 रुपए तक एग्रीकल्चर और पेंशन से जिन्हें आय प्राप्त होती है उन्हें आईटीआर 1 या सहज फॉर्म भरना होगा.
- इन सोर्स से जिनकी 50 लाख तक सालाना आय है वही आईटीआर 1 सहज फॉर्म भर सकते हैं.
- किसी कंपनी में निदेशक हैं या जिन लोगों ने अनलिस्टेड इक्विटी शेयरों में निवेश किया हुआ है उनके लिए यह फॉर्म नहीं है.
आईटीआर 2 फॉर्म
- उन व्यक्तियों और HUFs के लिए जिन्हें कारोबार या प्रोफेशन से हुए मुनाफे से इनकम होती है लेकिन आईटीआर 1 के लिए योग्य नहीं हैं.
आईटीआर 3 फॉर्म
- उनके लिए जिन्होंने साझेदारी में कोई बिजनेस कर रखा है और इससे मिलने वाले ब्याज, वेतन या बोनस से आय प्राप्त होती है.
- जिन्हें किसी प्रापर्टी से मिल रहे किराए से आय प्राप्त होती है.
आईटीआर 4 फॉर्म
- यह फॉर्म उनके लिए हैं जिनकी कारोबार या पेशे से सालाना आय 50 लाख रुपए तक हो.
- ध्यान रखें कि जो किसी कंपनी में निदेशक हैं या अनलिस्टेड इक्विटी शेयरों में निवेश करते हैं, उन्हें इस फॉर्म का उपयोग करने से रोक दिया जाता है
आईटीआर 5 फॉर्म
- यह इंडिविजुअल, एचयूएफ, कंपनी और आईटीआर-7 फॉर्म भरने वालों के अतिरिक्त अन्य टैक्स पेयर्स के लिए है. व्यक्ति और HUF (आईटीआर-1 से लेकर आईटीआर 4 तक भरने वाले), कंपनी (आईटीआर-6 भरने वाली) या चैरिटेबल ट्रस्ट/इंस्टीट्यूशंस (आईटीआर-7 भरने वाले) से अलग टैक्सपेयर्स के लिए है. यानी फॉर्म 5, आईटीआर-4 के लिए योग्य पार्टनरशिप फर्म्स से अलग पार्टनरशिप फर्म्स के लिए, लिमिटेड लायबिलिटी पार्टनरशिप (LLPs), एसोसिएशन ऑफ पर्सन्स, बॉडी ऑफ इंडीविजुअल्स, आर्टिफीशियल ज्यूरीडीशियल पर्सन, लोकल अथॉरिटी, कोऑपरेटिव सोसायटी, सोसायटीज रजिस्ट्रेशन एक्ट 1860 के तहत रजिस्टर सोसायटी, मृत व्यक्ति की एस्टेट, दिवालिया व्यक्ति की एस्टेट, बिजनेस ट्रस्ट, इन्वेस्टमेंट फंड आदि ऐसे टैक्सपेयर्स के लिए है, जिनके लिए कोई और फॉर्म लागू नहीं होता है.
- सेक्शन 139(4A) या 139(4B) या 139(4C) या 139(4D) के तहत आईटीआर फाइल करने वाले व्यक्ति आईटीआर-5 नहीं भर सकते.
आईटीआर 6 फॉर्म
- धारा 11 के तहत छूट का दावा करने वाली कंपनियों के अलावा अन्य कंपनियों के लिए.
- कंपनियां इसे सेक्शन 2(17) के अनुरूप भर सकती हैं. इसे वे कंपनियां भरती हैं, जो आईटीआर 7 फॉर्म भरने वाली कंपनियों से अलग हैं.
आईटीआर 7 फॉर्म
- ऐसी कंपनियों और लोगों के लिए जिन्हें सेक्शन 139(4A) या 139(4B) या 139(4C) या 139(4D) के तहत रिटर्न भरने की जरूरत है.
- उनके लिए जिनकी सेलरी आयकर कानून के सेक्शन 10 के तहत छूट प्राप्त है और जिन्हें अनिवार्य रूप से आईटीआर भरने की जरूरत नहीं है, वे इस फॉर्म का इस्तेमाल रिटर्न फाइलिंग के लिए कर सकते हैं.
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डॉ. अमित सिंह, एसोसिएट प्रोफेसर
Opinion