CII ने कहा, किसान आंदोलन से प्रभावित होगा अर्थव्यवस्था का पुनरोद्धार , 8 से 10 फीसदी बढ़ जाएगी लॉजिस्टिक्स की लागत
कृषि कानून के खिलाफ दिल्ली की सीमाओं पर डटे किसानों के आंदोलन का 20वां दिन है. सीआईआई का कहना है कि किसान आंदोलन के कारण सप्लाई चेन दबाव में आ गई है, दिल्ली-एनसीआर, पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और राजस्थान और कुछ अन्य राज्यों में यातायात बाधित हो रहा है.
नई दिल्ली: भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) ने कहा है कि किसानों के आंदोलन की वजह से आपूर्ति श्रृंखला बाधित हो सकती है जिससे आने वाले दिनों में अर्थव्यवस्था प्रभावित हो सकती है. सीआईआई ने सोमवार को कहा कि किसानों के आंदोलन की वजह से अर्थव्यवस्था में मौजूदा पुनरोद्धार का सिलसिला भी प्रभावित हो सकता है.
किसान आंदोलन के चलते बाधित हो रहा है यातायात
सीआईआई ने कहा, ‘अर्थव्यवस्था को वृद्धि की राह पर लाने की चुनौती के बीच हम सभी अंशधारकों से आग्रह करते हैं कि वे मौजूदा विरोध-प्रदर्शन के बीच कोई रास्ता ढूंढे और आपसी सहमति के समाधान पर पहुंचें.’’
पिछले कुछ सप्ताह के दौरान किसान आंदोलन काफी तेज हो गया है. इससे उत्तरी राज्यों मसलन दिल्ली-एनसीआर, पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और राजस्थान और कुछ अन्य राज्यों में विभिन्न नाकों या चौकियों पर यातायात बाधित हुआ है.
किसान आंदोलन की वजह से फिर दबाव में आ गई है सप्लाई चेन सीआईआई ने कहा कि कोरोना वायरस महामारी की वजह से लागू लॉकडाउन से सप्लाई चेन पहले ही काफी बुरी तरह प्रभावित हुई है. अब सप्लाई चेन में सुधार हो रहा था लेकिन किसान आंदोलन की वजह से यह फिर दबाव में आ गई है.
उद्योग मंडल ने कहा कि सामान की करीब दो-तिहाई खेप को पंजाब, हरियाणा, राजस्थान और दिल्ली-एनसीआर में अपने गंतव्यों पर पहुंचने में 50 प्रतिशत अतिरिक्त समय लग रहा है. इसके अलावा हरियाणा, उत्तराखंड और पंजाब के भंडारगृहों से परिवहन वाहनों को दिल्ली पहुंचने के लिए 50 प्रतिशत अधिक यात्रा करनी पड़ रही है.
लॉजिस्टिक्स की लागत करीब 8 से 10 फीसदी बढ़ जाएगी
सीआईआई ने कहा कि इससे लॉजिस्टिक्स की लागत करीब 8 से 10 प्रतिशत बढ़ जाएगी. दिल्ली के आसपास के औद्योगिक क्षेत्रों की कंपनियों के समक्ष श्रमबल का संकट पैदा हो गया है. सीआईआई उत्तरी क्षेत्र के चेयरमैन निखिल साहनी ने कहा, ‘‘मौजूदा किसान आंदोलन का तत्काल हल निकलना चाहिए. इससे न केवल आर्थिक वृद्धि प्रभावित होगी बल्कि आपूर्ति श्रृंखला पर भी इसका असर पड़ रहा है. इससे बड़े और छोटे उद्योग समान रूप से प्रभावित हैं.’’
किसान आंदोलन का 20वां दिन
कृषि कानून के खिलाफ दिल्ली की सीमाओं पर डटे किसानों के आंदोलन का 20वां दिन है. सरकार की तरफ से साफ कर दिया गया है कि कानून वापस नहीं होगा तो किसानों का अगला कदम क्या हो. इसी बात को लेकर किसान संगठन आज बैठक करने वाले हैं और आगे क्या कदम उठाए जाएं उसपर फैसला लेंगे.