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CII का सर्वे-लॉकडाउन के चलते इस साल 33% कंपनियों की आमदनी 40 फीसदी से ज्यादा घटेगी
पूरे वित्त वर्ष 2020-21 की बात की जाए, तो सर्वे में शामिल 33 फीसदी कंपनियों की राय है कि पूरे साल में उनकी आमदनी में 40 फीसदी से ज्यादा की गिरावट आएगी
नई दिल्ली: भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) ने कहा है कि कोरोना वायरस की वजह से लागू लॉकडाउन से आर्थिक गतिविधियां बुरी तरह प्रभावित हुई हैं. सीआईआई ने रविवार को मुख्य कार्यकारी ज्यादाारियों (सीईओ) का एक सर्वे जारी किया. सर्वे में शामिल 65 फीसदी कंपनियों का मानना है कि अप्रैल-जून की तिमाही में उनकी आमदनी में 40 फीसदी से ज्यादा की गिरावट आएगी.
सर्वे के नतीजों से निष्कर्ष निकालता है कि देश की अर्थव्यवस्था में सुस्ती लंबी रहने वाली है. सर्वे में शामिल 45 फीसदी सीईओ ने कहा कि राष्ट्रव्यापी बंद हटने के बाद अर्थव्यवस्था को सामान्य स्थिति में लाने के लिए एक साल से ज्यादा का समय लगेगा.
इस सर्वे में 300 से ज्यादा मुख्य कार्यकारी ज्यादाारियों की राय ली गई. इनमें से 66 फीसदी से ज्यादा सीईओ सूक्ष्म, लघु और मझोले उपक्रम (एमएसएमई) क्षेत्र के है. जहां तक करियर और आजीविका का सवाल है, आधी से ज्यादा कंपनियों का मानना है कि लॉकडाउन हटने के बाद उनके संबंधित क्षेत्रों में कर्मचारियों की छंटनी होगी. करीब 45 फीसदी ने कहा कि 15 से 30 फीसदी कर्मचारियों को नौकरी गंवानी पड़ेगी.
सर्वे में शामिल 66 फीसदी यानी दो-तिहाई लोगों का कहना था कि अभी तक उनकी कंपनी में वेतन-मजदूरी में कटौती नहीं हुई है. उल्लेखनीय है कि कोरोना वायरस पर काबू के लिए देश में 25 मार्च से राष्ट्रव्यापी बंद है. पिछले दिनों सरकार ने बंद को बढ़ाकर 17 मई तक कर दिया है. सीआईआई ने कहा कि बंद से आर्थिक गतिविधियों पर गंभीर असर पड़ा है.
पूरे वित्त वर्ष 2020-21 की बात की जाए, तो सर्वे में शामिल 33 फीसदी कंपनियों की राय है कि पूरे साल में उनकी आमदनी में 40 फीसदी से ज्यादा की गिरावट आएगी. 32 फीसदी कंपनियों ने कहा कि उनकी आय में 20 से 40 फीसदी की कमी आएगी.
सर्वे में शामिल चार में से तीन कंपनियों का कहना था कि परिचालन पूरी तरह बंद होना उनके लिए सबसे बड़ी बाधा है. वहीं 50 फीसदी से ज्यादा कंपनियों ने कहा कि उत्पादों की मांग में कमी कारोबारी गतिविधियों के लिए सबसे बड़ी चुनौती है.
सीआईआई के महानिदेशक चंद्रजीत बनर्जी ने कहा, ‘‘कोरोना वायरस पर काबू के लिए लॉकडाउन जरूरी है. लेकिन इससे आर्थिक गतिविधियां प्रभावित हुई हैं. आज समय की मांग है कि उद्योग को प्रोत्साहन पैकेज दिया जाए, जिससे आर्थिक गतिविधियों को आगे बढ़ाया जा सके और आजीविका को बचाया जा सके.’’ बनर्जी ने कहा कि इसके अलावा लॉकडाउन से सोच-विचार कर बाहर निकलने की तैयारी करनी चाहिए.
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प्रदीप डबासवरिष्ठ पत्रकार
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