Unemployment Data: अक्टूबर में दो साल के सबसे ऊंचे स्तर पर पहुंची बेरोजगारी, चुनावों से पहले सरकार के लिए चिंता की खबर!
Unemployment in India: विधानसभा चुनावों से ठीक पहले सरकार के लिए चिंता की खबर है. CMIE के डाटा के मुताबिक अक्टूबर, 2023 में देश में बेरोजगारी दर मई 2021 के बाद सबसे ऊंचे स्तर पर पहुंच गई है.
Unemployment Data of October: इसी महीने होने वाले 5 राज्यों के विधानसभा चुनावों से ठीक पहले केंद्र सरकार के लिए एक बुरी खबर आई है. प्राइवेट रिसर्च फर्म CMIE ने दावा किया है कि अक्टूबर 2023 में भारत में बेरोजगारी 2 साल के सबसे ऊंचे स्तर पर पहुंच गई है. देश के ग्रामीण इलाकों में ज्यादा बेरोजगारी बढ़ी है. जिसका असर संपूर्ण बेरोजगारी दर पर दिख रहा है. बिजनेस स्टैंडर्ड में छपी रिपोर्ट के अनुसार सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी लिमिटेड ने अपने डाटा के जरिए जानकारी दी है कि अक्टूबर में बेरोजगारी दर 10.05 फीसदी तक पहुंच गई है. वहीं सितंबर, 2023 में बेरोजगारी दर 7.09 फीसदी के आसपास थी.
दो साल के उच्चतम स्तर पर पहुंची बेरोजगारी दर
ध्यान देने वाली बात ये है कि अक्टूबर की बेरोजगारी दर मई 2021 के बाद से सबसे ज्यादा हो गई है. इसके ग्रामीण इलाकों में बेरोजगारी दर 6.20 फीसदी से बढ़कर 10.82 फीसदी हो गई है. वहीं शहरों में नई नौकरियां आने की वजह से यह दर गिरकर 8.44 फीसदी तक पहुंच गई है.
मानसून ने डाला असर
इस साल मानसून के बिगड़े मिजाज के कारण कई चीजों जैसे चीनी, चावल और गेहूं की फसल पर बुरा असर पड़ा है. इसके कारण भारत सरकार ने देश में इन चीजों के दाम को कंट्रोल करने के लिए कई तरह के प्रतिबंध भी लगाए है. कम पैदावार के कारण ग्रामीण इलाकों में खेती से जुड़ी गतिविधियों पर असर पड़ा है. वहीं शहरी क्षेत्र में विनिर्माण में तेजी देखी जा रही है. ऐसे में शहरों में नई नौकरियों के अवसर बढ़ रहे हैं. गौरतलब है कि भारत सरकार हर साल सालाना के आधार पर बेरोजगारी पर वार्षिक डाटा जारी करती है. सरकार द्वारा जारी किए गए डाटा के मुताबिक वित्त वर्ष 2022-23 में देश में बेरोजगारी दर 3.2 फीसदी रही है.
सरकार के लिए चिंता की खबर!
इसी महीने पांच राज्यों छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, राजस्थान, तेलंगाना और मिजोरम में विधानसभा चुनाव हैं. ऐसे में चुनाव से ठीक पहले बेरोजगारी के यह आंकड़े सरकार की चिंता को बढ़ा सकते हैं. ध्यान देने वाली बात ये है कि एक्सपर्ट्स के मुताबिक भारत की जीडीपी 6 फीसदी के दर से बढ़ने की संभावना है, मगर इसके बाद भी युवाओं के लिए नई नौकरियों का सृजन उस गति से नहीं हो पा रहा है. ऐसे में आगामी चुनाव में यह एक बड़ा मुद्दा बन सकता है.
इससे पहले देश में बड़े पैमाने पर युवाओं के रोजगार देने वाली आईटी कंपनियां जैसे इंफोसिस और वप्रो ने इस साल नई भर्तियों की प्रक्रिया रोकने की बात कही थी. ऐसे में कॉलेज से पास होने वाले हजारों नए इंजीनियरिंग छात्रों के लिए नौकरियों का संकट पैदा हो गया है. देश में बेरोजगारी की समस्या लंबे समय से एक बड़ा मुद्दा है और सीएमआईई का ये डेटा इस ओर स्पष्ट इशारा कर रहा है.
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