नई दिल्लीः कोरोना वायरस के कारण देश में सारी औद्योगिक गतिविधियां ठप हैं जिनके चलते बेरोजगारी की दर में भी बेतहाशा इजाफा हो गया है. सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी-Centre for Monitoring Indian Economy (CMIE) के मुताबिक देश की बेरोजगारी दर बढ़कर 23 फीसदी पर जा पहुंची है.
सीएमआईई ने अपनी वीकली ट्रैकर रिपोर्ट में देश की बेरोजगारी को लेकर कहा है कि इसमें लगातार इजाफा हो रहा है और देश में जारी लॉकडाउन के चलते स्थिति और खराब हुई है.
सीआईएमई के मुताबिक 15 अप्रैल को खत्म हफ्ते में देश की बेरोजगारी दर जहां 8.4 फीसदी थी वहीं 6 अप्रैल तक के हफ्ते में बेरोजगारी दर बढ़कर 23.4 फीसदी पर पहुंच गई है.
बता दें कि सीआईएमआई के आंकड़ों को आधिकारिक आंकड़ों की श्रेणी में नहीं गिना जाता है और इन आंकड़ों की केंद्र सरकार पुष्टि भी नहीं करती है. साप्ताहिक या मासिक आधार पर बेरोजगारी के आंकड़ों को लेकर कोई माध्यम नहीं है और सीआईएमआई ने ये रिपोर्ट सर्वे के आधार पर तय की है.
लॉकडाउन से खराब हुए हालात
लॉकडाउन के बाद देश की आर्थिक हालात पर और गहरा असर पड़ा है क्योंकि इस समय इंडस्ट्री के कामकाज ठप हैं, रेहड़ी-पटरी, ठेला लगाने वाले लोगों का कामकाज बंद है. देश में बेहद कम इंडस्ट्रियल प्रोडक्शन हो रहा है और ज्यादातर इक्विपमेंट कोरोना वायरस के इलाज से जुड़े हैं जिनकी मैन्यूफेक्चरिंग पर जोर दिया जा रहा है. इसके अलावा अन्य औद्योगिक गतिविधियां पूरी तरह ठप हैं.
लॉकडाउन के चलते लोग अपने काम की जगहों से अपने गांव या घरों को लौट गए हैं जिसके बाद माना जा रहा है कि बेरोजगारी की स्थिति में और इजाफा देखा जाएगा. बेरोजगार लोगों की संख्या और बढ़ सकती है तथा इसका वास्तविक असर कुछ दिनों में देखने को मिल सकता है.
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