Gas Pricing Formula: गैस के दामों में बढ़ोतरी (Gas Price Hike) के चलते बीते कुछ महीनो में पीएनजी (PNG) से लेकर सीएनजी (CNG) के दामों में बड़ी बढ़ोतरी देखने को मिली है. लेकिन महंगे गैस ( Costly Gas) से आम लोगों को राहत दिलाने के लिए मोदी सरकार (Modi Government)  ने बड़ा फैसला किया है. सरकार ने देश में उत्पादन होने वाले घरेलू गैस की कीमतों ( Domestic Gas Price) की समीक्षा करने के लिए कमिटी का गठन किया है. सरकार ने एनर्जी सेक्टर के जानकार किरिट पारिख ( Kirit Parekh) की अध्यक्षता में इस पैनल का गठन किया है. इस कमिटी में फर्टिलाइजर मिनिस्ट्री से लेकर गैस उत्पादक और खरीदारों के प्रतिनिधि शामिल होंगे. और इस महीने के आखिर तक पैनल को अपनी रिपोर्ट सौंपनी है. 


माना जा रहा है कि महंगाई ( Inflation) को कम करने और प्रदूषण को कम करने के लिए गैस का इस्तेमाल बढ़ाने के मकसद से सरकार ने ये फैसला लिया है. दरअसल मोदी सरकार देश में कुल एनर्जी में गैस की हिस्सेदारी को बढ़ाकर   2030 तक 15 फीसदी करना चाहती है जो फिलहाल 6.2 फीसदी है. वहीं 2070 तक जीरो-कार्बन एमीशन का लक्ष्य है.  


आम लोगों को सस्ते गैस उपलब्ध कराने के अलावा ये पैनल को ऐसी पॉलिसी तैयार कर सुझाव देने को कहा गया जो पारदर्शी से लेकर भरोसेमंद प्राइसिंग रिजिम हो जो लंबी अवधि में भारत को गैस बेस्ड इकोनॉमी (Gas Based Economy) बनाने में मदद करे. आपको बता दें पैनल के सुझाव मिलने के बाद उसे अमल में लाने के लिए कैबिनेट से मंजूरी लेनी होगी. ऐसे में एक अक्टूबर, 2022 से जो नई गैस की कीमतें लागू होंगी उसपर इस समीक्षा का कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा.   


दरअसल घरेलू गैस का उत्पादन बढ़ाने और गैस उत्पादन करने वाली कंपनियों को बढ़ावा देने के लिए 2014 में सरकार ने स्थानीय गैस की कीमतों को ग्लोबल बेंचमार्क के साथ लिंक कर दिया था. रूस और यूक्रेन युद्ध के चलते गैस के दाम आसमान छू रहे हैं. जिससे देश में गैस की कीमतें बढ़ी हैं इससे महंगाई इजाफा हुआ है. 


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