CNG Price Cut Likely: गैस की कीमतों को  लेकर बनाई गई किरीट पारिख कमिटी ( Kirit Parekh Committee) ने केंद्र सरकार से सीएनजी (CNG) पर लगने वाले एक्साइज ड्यूटी ( Excise Duty) को घटाने की सिफारिश की है. कमिटी ने अपनी सिफारिशों में सरकार से कहा है कि जब तक प्राकृतिक गैस ( Natural Gas) को जीएसटी (GST) के दायरे में लाने को लेकर फैसला नहीं हो जाता है तब तक सरकार को सीएनजी पर एक्साइज ड्यूटी ( Excise Duty) कम वसूलना चाहिए. 


CNG पर 14% एक्साइज ड्यूटी


प्राकृतिक गैस फिलहाल जीएसटी से बाहर है. वहीं पेट्रोलियम पदार्थों पर सेंट्रल एक्साइज ड्यूटी से लेकर वैट वसूला जाता है. केंद्र सरकार प्राकृतिक गैस पर एक्साइज ड्यूटी नहीं वसूलती है. लेकिन सीएनजी पर 14 फीसदी एक्साइज ड्यूटी वसूला जाता है तो राज्य सरकार 24.5 फीसदी तक वैट लगाती है. किरीट पारिख कमिटी ने सरकार से प्राकृतिक गैस के जीएसटी के दायरे में लाने की सिफारिश की है. कमिटी ने माना कि इसके राज्यों की सहमति होगी. ऐसे में इसे लागू करने के लिए राज्यों को किसी भी होने नुकसान की 5 सालों तक केंद्र को भरपाई करनी चाहिए. 


पेट्रोलियम प्रोडक्ट्स है GST से बाहर


एक जुलाई, 2017 को जीएसटी जब लागू हुआ तब पेट्रोल डीजल, एटीएफ को जीएसटी के बाहर रखा गया था. किरीट पारिख कमिटी का मानना है कि जब तक गैस को जीएसटी के दायरे में नहीं लाया जाता है तब तक सरकार के सीएनजी पर एक्साइज ड्यूटी घटा देना चाहिए जिससे उपभोक्ताओं को राहत मिल सके. 


4-6.5 डॉलर/यूनिट गैस के दाम की सिफारिश


किरीट पारिख कमिटी ने गैस प्राइस पर लगाये जाने वाली सीमा को अगले 3 साल के लिए खत्म किए जाने का भी सुझाव दिया है. साथ ही कमिटी ने देश में पुराने गैस फील्ड से उत्पादन होने वाले प्राकृतिक गैस के प्राइस बैंड को 4 से 6.5 डॉलर प्रति यूनिट (mmBtu) तय करने की सिफारिश की है. 


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