Coal Import: कोल इंडिया लिमिटेड (सीआईएल) ने देश में बिजली प्लांट्स को फ्यूल की पर्याप्त सप्लाई सुनिश्चित करने के लिए 24.16 लाख टन कोयले का इंपोर्ट करने के लिए पहला टेंडर जारी किया है. अप्रैल में जीवाश्म ईंधन की कमी के कारण हुई बिजली कटौती दोबारा ना हो इससे बचने के लिए सरकार द्वारा कोयले का भंडार बनाने के लिए सभी प्रयास करने के मद्देनजर यह विकास महत्वपूर्ण है.


24.16 लाख टन कोयले के इंपोर्ट के लिए बोलियां मांगी गईं हैं
कंपनी ने एक बयान में कहा, "पहली बार कोल इंडिया लिमिटेड (सीआईएल) ने बुधवार को एक अंतरराष्ट्रीय प्रतिस्पर्धी बोली ई-टेंडर जारी की, जिसमें 24.16 लाख टन कोयले के इंपोर्ट के लिए बोलियां मांगी गईं." पावर जेनरेटिंग कंपनियों (जेनकोस) और स्वतंत्र बिजली संयंत्रों (आईपीपी) की ओर से कोयला मंगाया जा रहा है, जो उनसे प्राप्त मांग पर आधारित है. बयान में कहा गया है कि यह मांग चालू वित्त वर्ष 2022-23 की जुलाई-सितंबर अवधि के लिए है.


कोयले का इंपोर्ट सीआईएल के लिए एक नया काम
हालांकि, कोयले का इंपोर्ट सीआईएल के लिए एक नया काम है. कंपनी ने सात राज्य पावर जेनरेटिंग कंपनियों और 19 आईपीपी से मांगपत्र प्राप्त करने के एक सप्ताह के अंदर युद्धस्तर पर टेंडर को अंतिम रूप देकर जारी किया है. चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही के लिए सूखे ईंधन के इंपोर्ट के लिए वर्तमान अल्पकालिक टेंडर के तहत कोयला किसी भी देश से प्राप्त किया जा सकता है.


कोयले की मांग देश में सबसे अधिक स्तर पर
जब कोयले की मांग सबसे ज्यादा है, ऐसे समय में केंद्र ने सूखे-ईंधन के इंपोर्ट के माध्यम से महारत्न फर्म को जेनकोस और आईपीपी को कोयले की आपूर्ति बढ़ाने के लिए एक केंद्रीकृत एजेंसी के रूप में नामित किया था. कंपनी के निदेशक मंडल ने पिछले हफ्ते सार्वजनिक क्षेत्र की इकाई को विदेशों से कोयले की निकास के लिए दो अंतरराष्ट्रीय टेंडर- अल्पकालिक और मध्यम अवधि जारी करने के लिए अपनी मंजूरी दे दी थी.


क्या है टेंडर के लिए कोयले की बोली हासिल करने की आखिरी तारीख
बोली हासिल करने की आखिरी तारीख 29 जून है. सीआईएल ने कहा कि टेंडर की किसी भी बारीकियों पर स्पष्टीकरण मांगने के लिए 14 जून को टेंडर-पूर्व बैठक का विकल्प है.
बोली प्रक्रिया के माध्यम से चुनी गई सफल एजेंसी जेनको और आईपीपी के बिजली संयंत्रों को कोयले की आपूर्ति करेगी. सरकार ने सीआईएल को इससे पहले अगले 13 महीनों के लिए बिजली उपयोगिताओं हेतु 1.2 करोड़ टन कोयला इंपोर्ट करने के लिए तैयार रहने का निर्देश दिया था.


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