Coal Mine Auction: कोरोना महामारी और रूस-यूक्रेन युद्ध (Russia-Ukraine War) के कारण भारत समेत पूरी दुनिया नें महंगाई आसमान छू रही है. इसके साथ ही पूरी दुनिया में मंदी का खतरा मंडरा रहा है. ऐसे में दुनियाभर में नौकरी का संकट आने वाले दिनों में दिख सकता है. ऐसे में भारत सरकार नौकरियों के सृजन के लिए कड़े कदम उठाने की प्लानिंग कर रही हैं. कोयला मंत्रालय ने (Ministry of Coal) ने 3 नवंबर 2022 को कोयला खदानों की नीलामी की छठे चरण की प्रक्रिया शुरू कर दी. इस चरण में सीएमएसपी और एमएमडीआर, लिग्नाइट और गैर कोकिंग और कोकिंग खदानों को सरकार नीलामी कर रही है.
इस नीलामी के बारे में जानकारी देते हुए कोयला मंत्रालय (Coal Ministry) और वित्त मंत्रालय (Finance Ministry) ने बताया है कुल 141 ब्लॉक की नीमाली की जाएगी. इस नीलामी से सरकार को उम्मीद है कि कुल सरकार को 20 हजार करोड़ रुपये का राजस्व हासिल होगा. इसके जरिए राज्य सरकारें करीब 2 लाख नई नौकरियों का सृजन कर पाएगी. इस नीलामी में बोली लगाने के बाद अगर किसी को कुछ हिस्सा वापस करना है तो सरकार कंपनियों को यह सुविधा इस बार के नीलामी में दे रही है. ध्यान देने वाली बात ये है कि पिछले वित्त वर्ष में सरकार ने 11% कोयला की नीलामी की थी.
इन राज्यों हो 67 ब्लॉक की होगी नीमाली
आपको बता दें कि कोयला मंत्री प्रहलाद जोशी ने बताया कि इस साल में सरकार ने कुल 67 ब्लॉक की नीलामी किया है. साल 2014 में कोयला का कुल उत्पादन 572 मीट्रिक टन था जिसे बढ़ाकर 900 मीट्रिक टन करने का लक्ष्य है. फिलहाल देशभर के 12 राज्यों में अब तक 140 खदान मौजूद हैं. इसमें से केवल 72 को यूज किया जा सकता है. वहीं बाकी बचीं 69 खदानों का इस्तेमाल नहीं किया जा सका है.
कई राज्यों में युवाओं को मिलेगा नौकरी का मौका
केंद्र सरकार और राज्य सरकार देशभर के अलग-अलग हिस्सों में ज्यादा से ज्यादा नई नौकरियों का सृजन करना चाहती हैं. इसके लिए कोयले की नीलामी से जुटी धन राशि को सरकार नौकरी और युवाओं के विकास के लिए खर्च करने का लक्ष्य निर्धारित करना चाह रही है. आपको बता दें कि जिन राज्यों सबसे ज्यादा कोयला की खदान मौजूद हैं वह राज्य हैं छत्तीसगढ़, तमिलनाडु, मध्य प्रदेश बिहार, राजस्थान, छत्तीसगढ़, झारखंड, ओडिशा, केरल और महाराष्ट्र. आपको बता दें कि साल 2010 से 2014 के बीच कोयला का आयात 23% से कम होकर केल 2% रह गया है.
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