नई दिल्लीः एसबीआई ग्रुप की चेयरमैन अरुंधति भट्टाचार्य ने एक प्रेस कांफ्रेस में नोटबंदी और बैंकों में कैश की किल्लत से जुड़े सारे सवालों के जवाब देते हुए साफ किया कि बार-बार नियम बदलने के पीछे आरबीआई की लोगों को हो रही दिक्कतों से निजात दिलाने की ही मंशा है. इसके पीछे और कोई वजह नहीं है.

सवालः 5000 रुपए तक जमा करने पर नए नियमों में क्या कंन्फ्यूजन हो रहा है?
अरुंधति भट्टाचार्यः 5000 रुपए जमा करने पर लोगो में कोई कंन्फ्यूजन नहीं है. 5000 रुपए के ऊपर कौन बार-बार भर रहा है यह सिस्टम में दिखना चाहिए और आईटी को सूचना दी जानी चाहिए. आईटी को पड़ताल में वक़्त लगता है. अगर 5000 से ज्यादा भरा जा रहा है तो चेक करने को कहा गया है. जिससे पता चले की पैसा कहां से आ रहा है. पूरी तरह आरबीआई की गाइडलाइन पर काम हो रहा है.

सवालः पुराने नोट कितने जमा हुए हैं ?
अरुंधति भट्टाचार्यः इसमें अभी कहना जल्दबाजी होगी और 30 दिसम्बर तक सभी आंकड़े आएंगे. करेंसी चेस्ट में पैसे आने पर पता चलेगा.


सवालः लगभग सभी नोट अगर जमा हो गए जैसा होते दिख रहा तो क्या नोटबंदी गलत साबित हुआ माना जाए?
अरुंधति भट्टाचार्यः नोटबंदी के पीछे आइडिया यह नहीं था कि पैसा आएगा, आइडिया यह था कि लोगों के पास जो पैसा है वो जमा हो और पैसे के स्रोत पता चले. डिजिटलाइजेशन करने का एजेंडा था.

3 फायदे हैं
1) 130 करोड़ की आबादी में 4% डायरेक्ट टैक्स देते है तो ये मानना कठिन है कि सिर्फ 4% ही टैक्स दे पाते हैं.
2) इतने कम टैक्स से देश की तरक्की नहीं हो पाती. रेवेन्यू मिलना चाहिए.
3) बेहतर फाइनेंशियल इन्क्लूजन होगा. इनफॉर्मल सिस्टम से लोन की जगह बैंक से लोन मिलेगा. बैंक से लोन मिलने से राहत है कि कम दर पर लोन मिलेगा. इनफॉर्मल तरीके से ज्यादा लगता है
पैसा पूरा आए या नहीं आए, आदत डिजिटल सिस्टम/बैंकिंग की होनी चाहिए .

सवालः 9 दिनों बाद नया साल आएगा और नोटबंदी की समय सीमा खत्म होगी. क्या नए साल के लिए बैंकों की तैयारी है?
अरुंधति भट्टाचार्यः हमें नए साल के लिए कुछ विशेष तैयारी की जरूरत नहीं है. अगर कैश होगा तो हम देंगे अगर कैश नहीं है तो नहीं दे पाएंगे. आरबीआई ने पहले 2000 नोट देने के पीछे उद्देश्य यह की लोगो के पास वैल्यू अमाउंट हो जाए. बाद में 500 के नोट आए जिससे अब समस्या हल होगी. 500 के नोट का खुल्ला भी मिल जाता है .

सवालः सीमित पैसे निकालने की समय सीमा ख़त्म होगी ?
अरुंधति भट्टाचार्यः पैसे निकालने की समय सीमा धीरे धीरे सामान्य होगी और एक बार में यह नहीं होगा.

सवाल: बैंक कर्मचारियों को तोहफा मिलेगा?
अरुंधति भट्टाचार्यः एसबीआई अपने कर्मचारियों को पूरा रिवॉर्ड देगा. अतिरिक्त समय के लिए उन्हें पे किया गया है और 2 दिन की अतिरिक्त छुट्टी दी है जो मार्च 2018 तक कभी भी ले सकते हैं. नोटंबंदी के बाद एसबीआई के कर्मचारियों ने बेहद मेहनत से काम किया है और उनपर उन्हें गर्व है.

सवाल:- कैशलेश इकॉनमी होने में चुनौती ?
अरुंधति भट्टाचार्यः लोगो की आदत को बदलना चुनौती है. पहले तो लोगों को यह सोचना है कि हमें यह करना है और फिर प्रयास करना है. लोगों में बदलाव दिख रहा है लेकिन इंफ्रास्ट्रक्चर भी चाहिए, टेलीकॉम बैंडविथ शाम को ज्यादा बेहतर नहीं होता. बैंक की तरफ से ऐसे प्रोडक्ट बनाने चाहिए जो सरल और सेफ हों.

सवालः बैंक के लोग करोडों रुपये के साथ पकड़े गए, क्या इससे बैंकों पर सवाल नहीं उठता?
अरुंधति भट्टाचार्यः सोसाइटी के हर सेक्शन में लोग होते है जो ठीक नहीं होते इसका मतलब यह नहीं की पूरी बैंकिंग सिस्टम गलत है. हमने 6 लाख करोड़ दिए और 100 करोड़ पकड़े गए. 2-4 लोग खराब हैं जिसकी वजह से बैंको को कटघरे में ना खड़ा किया जाए. मीडिया बात को बड़ा करके बता रहा है जिससे लोगो में बैंक के प्रति शक पैदा हो रहा है. जिन्होंने गलत किया उनपर कार्रवाई होगी.