Wheat-Rice Price Increase: महंगाई से आम आदमी परेशान, पर खाद्य सचिव ने गेहूं, चावल की कीमतों में बढ़ोतरी को बताया सामान्य बात
Retail Inflation: रूस यूक्रेन युद्ध के बाद से गेंहू चावल के दामों में बढ़ोतरी आई है जिससे आम लोग परेशान है लेकिन खाद्य सचिव इसे सामान्य बात कहा है.
Wheat-Rice Price Increase: एक तरफ आम आदमी महंगाई से परेशान है. गेंहू चावल के दामों में लगातार बढ़ोतरी देखी गई है. लेकिन सरकार का मानना है कि गेहूं और चावल की कीमतों में बढ़ोतरी सामान्य बात है. सरकार ने भरोसा दिया कि अगर अनाज की कीमतों में कोई असामान्य बढ़ोतरी होती है तो कीमतों पर काबू पाने के लिए वो जरुर हस्तक्षेप करेगी. खाद्य सचिव सुधांशु पांडे ने कहा कि सरकार के पास अपने गोदामों में गेहूं और चावल दोनों का पर्याप्त स्टॉक मौजूद हैं जिनका उपयोग बाजार में हस्तक्षेप करने के लिए सरकार कर सकती है.
सुधांशु पांडे ने कहा कि कीमतों में वृद्धि कोई असामान्य बात नहीं है. उन्होंने गेहूं का उदाहरण देते हुए कहा कि कीमतों में वृद्धि सामान्य है क्योंकि पिछले साल थोक कीमतों में गिरावट आई थी जब सरकार ने अपनी खुली बाजार बिक्री योजना (ओएमएसएस) के तहत थोक उपभोक्ताओं को भारी मात्रा में अनाज बेचे थे. पांडे ने कहा कि गेहूं की थोक कीमत 14 अक्टूबर, 2021 को 2,331 रुपये प्रति क्विंटल थी, जबकि वर्ष 2020 में इसी दिन यह कीमत 2,474 रुपये प्रति क्विंटल थी. उन्होंने कहा कि पिछले साल से मौजूदा वर्ष में गेहूं कीमतों में हुई बढ़ोतरी की तुलना करना उचित नहीं है. उन्होंने कहा कि गेंहू के कीमतों की तुलना 2020 की कीमतों से की जानी चाहिए. 2020 की कीमतों की तुलना में, इस साल 14 अक्टूबर को थोक गेहूं की कीमतों में 11.42 प्रतिशत की वृद्धि हुई और यह 2,757 रुपये प्रति क्विंटल रही. खुदरा गेहूं की कीमतों में 12.01 प्रतिशत की वृद्धि हुई और यह 31.06 रुपये प्रति किलोग्राम रही है.
उन्होंने कहा कि कीमतों में उछाल MSP में बढ़ोतरी, ईंधन, परिवहन और अन्य खर्चों में बढ़ोतरी के लागत के अनुरूप है. सुधांशु पांडे ने कहा कि चिंता की कोई बात नहीं है क्योंकि सरकार के पास अपने गोदामों में गेहूं और चावल दोनों का पर्याप्त भंडार है. एफसीआई के अध्यक्ष अशोक के के मीणा ने कहा कि ‘‘सरकार के पास एक अक्टूबर तक 205 लाख टन के बफर मानदंड के मुकाबले गेहूं का भंडार 227 लाख टन था. इसी तरह, इस अवधि में 103 लाख टन के बफर मानदंड के मुकाबले चावल का स्टॉक 205 लाख टन था.
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना, राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम और अन्य कल्याणकारी आवश्यकताओं के लिए मुफ्त अनाज की आपूर्ति के बाद भी एक अप्रैल, 2023 तक गेहूं और चावल का अनुमानित स्टॉक सामान्य बफर मानदंडों से बहुत अधिक होगा. उन्होंने कहा कि सरकार इन जरुरी वस्तुओं के कीमतों पर नजर बनाये हुए है. साथ ही उन्होंने आने वाले रबी सीजन में गेंहू के उत्पादन सामान्य रहने की उम्मीद जताई है.
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