IDBI Bank Bidding Clearance : केंद्र सरकार ने आईडीबीआई बैंक (IDBI Bank) में हिस्सेदारी खरीद के लिए बोलियां लगाने वाले संस्थानों के लिए पहले चरण में गृह मंत्रालय (Ministry of Home Affairs) से सुरक्षा मंजूरी (Security Clearance) लेना अनिवार्य कर दिया है. अब तक केंद्रीय नियंत्रण वाले सार्वजनिक उपक्रमों (CPSE) के निजीकरण की प्रक्रिया में शामिल होने वाली बोलीदाता कंपनियों के लिए दूसरे चरण में सुरक्षा मंजूरी लेने की बाध्यता होती थी.


गृह मंत्रालय से सुरक्षा मंजूरी जरूरी 


इस अनिवार्यता के बाद रुचि पत्र (ईओआई) दायर करने के दौर में पात्र पाई जाने वाली बोलीदाता कंपनियों को वित्तीय बोलियां लगाने के समय केंद्रीय गृह मंत्रालय से सुरक्षा मंजूरी लेनी होगी. सार्वजनिक परिसंपत्तियों के विनिवेश का नियमन करने वाले निवेश एवं लोक संपत्ति प्रबंधन विभाग (Department of Investment and Public Asset Management-DIPAM) की तरफ से यह जानकारी दी गई है. 


सुरक्षा मंजूरी लेने के पीछे क्या है वजह


DIPAM का कहना है कि भारतीय रिजर्व बैंक (Reserve Bank of India) से ‘उचित एवं उपयुक्त’ आकलन पाने वाले और गृह मंत्रालय से सुरक्षा मंजूरी पाने वाले बोलीकर्ता ही इस हिस्सेदारी खरीद के लिए पात्र रुचि पक्ष (क्यूआईपी) के रूप में अधिसूचित किए जाएंगे. इसके बाद ही प्रक्रिया आगे बढ़ेगी. 


16 दिसंबर को लगेगी बोली 


केंद्र सरकार इस बोली प्रक्रिया की मदद से आईडीबीआई बैंक (IDBI Bank) में अपनी और एलआईसी (LIC) के पास की कुल 60.72 प्रतिशत हिस्सेदारी की बिक्री करने की तैयारी में है. दीपम ने पिछले हफ्ते इसके लिए संभावित बोलीकर्ताओं से ईओआई आमंत्रित किए थे. इच्छुक कंपनियां 16 दिसंबर तक बोली लगा सकती हैं.


ये भी पढ़ें-


Direct Tax Collection में दर्ज की गई 24% की भारी उछाल! 8 अक्टूबर तक 8.98 लाख करोड़ के पार पहुंचा टैक्स कलेक्शन


Indian Railway: बिना टिकट यात्रा करने वालों की खैर नहीं! रेलवे ने 25 लाख लोगों से वसूला 163.27 करोड़ का जुर्माना