कंपनियां देंगी अपने कर्मचारियों को वैक्सीन, वैक्सीन मेकर्स से हो रही बातचीत
कई कंपनियों ने कैंपस में वैक्सीनेशन प्रोग्राम शुरू भी कर दिया है. दवा कंपनी ल्युपिन ने 45 साल से ज्यादा उम्र के अपने कर्मचारियों के 80 फीसदी को टीका लगा दिया है.
कोरोना संक्रमण की दूसरी खतरनाक लहर ने कई कंपनियों को अपने कर्मचारियों को घर से काम करने को प्रेरित किया हो लेकिन ये कंपनियां उनके टीकाकरण के लिए कैंपस में ही कैंप लगाने की योजना बना रही हैं. कई कॉरपोरेट कंपनियां खास कर मैन्यूफैक्चरिंग कंपनिया वैक्सीन बनाने वाली प्राइवेट हॉस्पिटल चेन से फैक्ट्री परिसर में वैक्सीनेशन कैंप लगाने के लिए मदद मांग रही हैं.
कंपनियों ने हॉस्पिटल चेन से संपर्क साधा
अपोलो हॉस्पिटल ग्रुप, फोर्टिस हॉस्पिटल, मैक्स हॉस्पिटल और मेडिका जैसे ग्रुप के मुताबिक उनकी कई कंपनियों के साथ बातचीत चल रही है. इन कंपनियों ने अपने फैक्ट्री परिसर में इनसे वैक्सीनेशन कैंप लगाने में मदद मांगी है. सरकार की ओर से 18 साल से ऊपर की उम्र के सभी लोगों को वैक्सीन लगाने की अनुमति देने के बाद वैक्सीनेशन सेंटर में काफी भीड़ बढ़ सकती है. इसके साथ ही लॉकडाउन और कोरोना प्रतिबंधों की वजह से वैक्सीनेशन की प्रकिया धीमी भी हो सकती है. खास कर महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, दिल्ली जैसे प्रदेशों में जहां संक्रमण की दर अधिक है.
कई कंपनियों में ऑन-कैंपस वैक्सीनेशन शुरू
कई कंपनियों ने कैंपस में वैक्सीनेशन प्रोग्राम शुरू भी कर दिया है. दवा कंपनी ल्युपिन ने 45 साल से ज्यादा उम्र के अपने कर्मचारियों के 80 फीसदी को टीका लगा दिया है. मैन्यूफैक्चरिंग कंपनी टीका बनाने वाली कंपनियों से भी संपर्क में है ताकि कर्मचारियों को जल्द से जल्द टीका लगवाए जाए. आने वाले दिनों में देश में प्राइवेट सेक्टर की कुछ और कंपनियों को वैक्सीन बनाने की इजाजत मिल सकती है. इससे मांग बढ़ने के साथ वैक्सीन के उत्पादन में भी बढ़ोतरी होगी. इससे ज्यादा से ज्यादा कंपनियां अपने कर्मचारियों को कैंपस में ही टीके दे सकेंगीं.
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