कोरोना संक्रमण की वजह से जॉब मार्केट का संकट अब धीरे-धीरे थोड़ा छंटता नजर आ रहा. अब कंपनियां भर्तियों में थोड़ी रफ्तार ला रही हैं. नेशनल करियर सर्विस के आंकड़ों के मुताबिक इस साल अब तक नौकरी देने वाली कंपनियों की संख्या में इजाफा देखने को मिला है. नेशनल करियर सर्विस की रिपोर्ट में कहा गया है कि पिछले एक साल की तुलना में नौकरी देने वाली कंपनियों की संख्या में दोगुना तेजी देखी गई है. मार्च 2020 में 52,152 कंपनियों ने इसमें रोजगार देने के लिए रजिस्ट्रेशन कराया था लेकिन अब यह संख्या बढ़ कर 1,24,345 हो गई है.
नौकरी के लिए रजिस्ट्रेशन कराने वाली कंपनियों की संख्या बढ़ी
रिपोर्ट में कहा गया है कि जिन कंपनियों ने नेशनल करियर सर्विसेज में रजिस्ट्रेशन कराया है. उनमें 40 फीसदी प्लेसमेंट और उससे जुड़े सेक्टर के हैं. इनमें से 15 फीसदी आईटी सेक्टर की हैं. सबसे खराब स्थिति रियल एस्टेट सेक्टर का है. इस सेक्टर की एक भी कंपनी ने इसमें नौकरी देने के लिए रजिस्ट्रेशन नहीं कराया है. हालांकि फाइनेंस सेक्टर की स्थिति अच्छी है. फाइनेंस सेक्टर की काफी कंपनियों नेशनल करियर सर्विस में रजिस्ट्रेशन कराया है.
जीडीपी में हल्की रफ्तार से रोजगार में इजाफा
सरकार का कहना है की जीडीपी में सुधार की वजह से रोजगार में रफ्तार दिखना शुरू हआ है. दरअसल सरकार की ओर से मैन्यूफैक्चरिंग सेक्टर को बढ़ावा देने की कोशिश की जा रही है. चूंकि मैन्यूफैक्चरिंग सेक्टर में बड़ी तादाद में नौकरी देने की संभावना होती है इसलिए इस सेक्टर को पीएलआई स्कीमों का लाभ दिया जा रहा है. सरकार की ओर लैपटॉप, स्मार्ट फोन , राउटर और दूसरे इलेक्ट्ऱ़ॉनिक सामानों की मैन्यूफैक्चरिंग में विदेशी निवेश आमंत्रित करने के लिए पीएलआई स्कीम के तहत कंपनियों को आर्थिक मदद दी जा रही है. इन कदमों से आने वाले दिनों में रोजगार में रफ्तार आ सकती है. फिलहाल आईटी और फाइनेंस सेक्टर की स्थिति अच्छी दिख रही है.
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