देश भर के विभिन्न विशेष आर्थिक क्षेत्रों (स्पेशल इकोनॉमिक जोन) में काम करने वाली कंपनियों को तगड़ा फायदा होने वाला है. सरकार ऐसी कंपनियों को वस्तुओं के आयात पर जीएसटी के तहत वसूले गए कंपनसेशन सेस को रिफंड करने जा रही है.


ऐसी कंपनियों को मिलेगा रिफंड का लाभ


सेंट्रल बोर्ड ऑफ इनडाइरेक्ट टैक्स एंड कस्टम्स (सीबीआईसी) ने इसे लेकर निर्देश जारी किया है. उसने कहा है कि सेज में काम कर रही कंपनियों और सेज के डेवलपरों को जीएसटी के तहत आयातित वस्तुओं पर वसूले गए कंपनसेशन सेस रिफंड किए जाएंगे. यह फायदा 2017 से लागू होगा. उसके अलावा सीबीआईसी ने सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) के फूड पैकेज पर वसूले गए 5 फीसदी जीएसटी को भी रिफंड किए जाने का निर्देश आया है.


अगले 6 महीने के भीतर मिलेगा फायदा


ईटी की एक रिपोर्ट में मामले से जुड़े सूत्रों के हवाले से बताया गया है कि ये रिफंड करीब 6,500 करोड़ रुपये के हो सकते हैं. रिपोर्ट में एक वरिष्ठ अधिकारी के हवाले से कहा गया है- वसूले गए सेस लौटाए जाएंगे और सेज में काम कर रही कंपनियों व उसके डेवलपरों को अगर कोई नोटिस भेजा गया होगा, तो उसे भी वापस लिया जाएगा. अधिकारी के अनुसार, ये रिफंड 6 महीने के भीतर जारी कर दिए जाएंगे.


जीएसटी काउंसिल की बैठक के बाद निर्देश


रिफंड का यह निर्देश ऐसे समय आया है जब जीएसटी काउंसिल ने हाल ही में सेज यूनिट को लेकर बड़ा फैसला किया है. जीएसटी काउंसिल ने सेज में काम कर रही कंपनियों और उनके डेवलपरों को आयात पर सेस से छूट प्रदान की है. यह छूट 1 जुलाई 2017 से यानी जीएसटी के लागू होने की तारीख से प्रभावी है. जीएसटी काउंसिल नई अप्रत्यक्ष कर व्यवस्था के तहत टैक्स से जुड़े मामलों पर निर्णय लेने वाली शीर्ष संस्था है.


वहीं सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत बांटे जाने वाले फूड पैकेज पर कई मामलों में नोटिस भेजे जाने के बाद रिफंड का निर्देश आया है. दरअसल जीएसटी काउंसिल ने जुलाई 2022 में हुई अपनी 47वीं बैठक में गेहूं और मोटे अनाज आदि के प्री-पैकेज्ड और प्री-लेबल्ड छोटे पैकेटों पर 5 फीसदी जीएसटी लगाने का निर्णय लिया था. कई कंपनियां बिना ब्रांड नाम के प्री-पैकेज्ड आइयटम की आपूर्ति कर रही थीं, उससे कंफ्यूजन पैदा हो रहा था. कई मामलों में पीडीएस की आपूर्ति वाले दाल, चावल, गेहूं, आटा आदि के मामले में नोटिस भेज दिए गए थे.


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