टैक्स डिपार्टमेंट ने कुछ कंपनियों को इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने के मामले में बड़ी राहत दी है. यह राहत उन कंपनियों के लिए है, जो बिजनेस के रिऑर्गेनाइजेशन से गुजरी हैं. ऐसी कंपनियों को सीबीडीटी ने मोडिफाइड इनकम टैक्स रिटर्न भरने के लिए अब ज्यादा समय दे दिया है.
30 जून तक का मिला समय
सीबीडीटी ने इसे लेकर गुरुवार को एक ऑर्डर जारी किया. सीबीडीटी के ऑर्डर के अनुसार, बिजनेस रिऑर्गेनाइजेशन से गुजरने वाली कंपनियां अब 30 जून तक मोडिफाइड रिटर्न फाइल कर सकती हैं. डेडलाइन बढ़ने से उन कंपनियों को राहत मिलने वाली है, जिनके बिजनेस में मर्जर, डिमर्जर या अमलगमेशन जैसे कॉरपोरेट डेवलपमेंट हुए हैं.
क्या कहता है सीबीडीटी का ऑर्डर?
सीबीडीटी के ऑर्डर के अनुसार, रिऑर्गेनाइजेशन खासकर स्कीम ऑफ अमलगमेशन, मर्जर या डिमर्जर अथवा सक्षम प्राधिकरण से मिली मंजूरी के तहत इनसॉल्वेंसी के बाद सक्सेशन की प्रक्रिया से गुजरी कंपनियां अब 30 जून 2024 तक मोडिफाइड रिटर्न फाइल कर सकती हैं. मोडिफाइड रिटर्न की डेडलाइन में विस्तार उन कंपनियों के लिए है, जिनका रिऑर्गेनाइजेशन प्रोसेस जून 2016 के बाद और अप्रैल 2022 से पहले शुरू हुआ है.
फाइनेंस बिल 2022 में हुआ प्रावधान
बिजनेस के रिऑर्गेनाइजेशन से गुजर रही कंपनियों के लिए फाइनेंस बिल 2022 में मोडिफाइड रिटर्न फाइल करने का प्रावधान किया गया था. ऐसी कंपनियों को रिऑर्गेनाइजेशन के बाद मोडिफाइड इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने के लिए कहा गया था. हालांकि यह सिर्फ उन कंपनियों के ऊपर लागू था, जिनके लिए रिऑर्गेनाइजेशन का ऑर्डर 1 अप्रैल से 30 सितंबर 2022 के बीच आया हो.
सीबीडीटी के आदेश से भ्रम दूर
फाइनेंस बिल 2022 में मोडिफाइड रिटर्न का प्रावधान किए जाने के बाद उन कंपनियों के सामने भ्रम की स्थिति पैदा हो गई थी, जिनके रिऑर्गेनाइजेशन का ऑर्डर 1 अप्रैल 2022 से पहले ही आ गया था. सीबीडीटी के नए ऑर्डर के बाद भ्रम की स्थिति साफ हो गई है और फाइनेंस बिल 2022 के लागू होने से पहले रिऑर्गेनाइजेशन की प्रक्रिया शुरू करने वाली कंपनियों को मोडिफाइड रिटर्न फाइल करने के लिए अतिरिक्त समय मिल गया है.
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