अरबपति गौतम अडानी ( Billionaire Gautam Adani) और उनके अडानी समूह (Adani Group) की परेशानियां कम होने का नाम नहीं ले रही हैं. एक विवाद शांत पड़ता है, उससे पहले कोई नया बखेड़ा सामने आ जाता है. हिंडनबर्ग की रिपोर्ट जनवरी में आने के बाद से समूह के ऊपर आरोपों का दौर जारी है. इन सब के बीच अडानी समूह ने सोमवार को नई सफाई पेश की है. समूह ने अब पिछले चार साल का पूरा हिसाब सार्वजनिक किया है. साथ ही अडानी समूह ने यह भी कहा है कि उसे बर्बाद करने की प्रतिस्पर्धा चल रही है.
चार साल में मिले इतने फंड
समूह ने बताया है कि साल 2019 से अब तक उसे अपनी कंपनियों में हिस्सेदारी बेचने से 2.87 बिलियन डॉलर मिले हैं और इनमें से 2.55 बिलियन डॉलर को विभिन्न व्यवसायों में लगाया जा चुका है. पीटीआई की एक खबर के अनुसार, अबु धाबी स्थित इंटरनेशनल होल्डिंग कंपनी पीजेएससी (International Holding Company PJSC) ने अडानी समूह की अडानी एंटरप्राइजेज लिमिटेड (Adani Enterprise Ltd) और अडानी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड (Adani Green Energy Ltd) जैसी कंपनियों में 2.593 बिलियन डॉलर का निवेश किया है, जबकि प्रवर्तकों ने 2.783 बिलियन डॉलर जुटाने के लिए अडानी टोटल गैस लिमिटेड (Adani Total Gas Ltd) और अडानी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड की हिस्सेदारी बेची है.
एफटी की रिपोर्ट में ये आरोप
अडानी समूह के इस स्पष्टीकरण को विदेशी अखबार फाइनेंशियल टाइम्स की एक हालिया रिपोर्ट और देश में चल रहे राजनीतिक विवादों से जोड़कर देखा जा रहा है. फाइनेंशियल टाइम्स की एक खबर में कहा गया था कि अडानी समूह को जो प्रत्यक्ष विदेशी निवेश प्राप्त हुए हैं, उनमें से ज्यादातर गौतम अडानी परिवार से जुड़ी विदेशी कंपनियों के जरिए आए हैं. खबर के अनुसार, अडानी से जुड़े विदेशी निकायों ने समूह की कंपनियों में 2017 से 2022 के दौरान कम से कम 2.6 बिलियन डॉलर निवेश किया, जो इस दौरान समूह को मिले कुल 5.7 बिलियन डॉलर के एफडीआई का 45.4 फीसदी है. फाइनेंशियल टाइम्स की रिपोर्ट से इतर कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भी आरोप लगाया है कि अडानी समूह को शेल कंपनियों से 20 हजार करोड़ रुपये मिले हैं.
इन कंपनियों में लगाए गए पैसे
अडानी समूह ने इन बातों को खारिज करते हुए कहा है कि खबर में जिन निवेश के बारे में बातें की गई हैं, उनके बारे में पहले ही सार्वजनिक चर्चा की जा चुकी है. इसके बारे में 28 जनवरी 2021 और 23 जनवरी 2021 को सार्वजनिक रूप से जानकारी दी गई थी. समूह का कहना है कि जो भी फंड मिले हैं, उन्हें प्रवर्तक निकायों ने अडानी एंटरप्राइजेज, अडानी पोर्ट्स एंड स्पेशल इकोनॉमिक जोन (Adani Ports and Special Economic Zone Ltd), अडानी ट्रांसमिशन (Adani Transmission Ltd) और अडानी पावर लिमिटेड (Adani Power Ltd) जैसी कंपनियों में वापस लगाया है.
समूह ने कहा-वापस लें खबर
अडानी समूह ने साथ ही फाइनेंशियल टाइम्स को खबर वापस लेने के लिए कहा है. फाइनेंशियल टाइम्स को भेजे एक पत्र में समूह ने कहा है, "हम समझते हैं कि अडानी को बर्बाद करने की प्रतिस्पर्धा आकर्षक हो सकती है. लेकिन हम प्रतिभूति नियमों का पूरी तरह से पालन करते हैं और मालिकाना हक व वित्त पोषण को किसी भी तरह से अंधेरे में नहीं रखना चाहते हैं."
ये है अडानी समूह की सफाई
अडानी समूह ने कहा कि प्रवर्तकों ने अडानी ग्रीन एनर्जी की 20 फीसदी हिस्सेदारी टोटल एनर्जीज को बेचकर जनवरी 2021 में 2 बिलियन डॉलर जुटाया. उससे पहले प्रवर्तकों ने टोटल एनर्जीज को अडानी टोटल गैस की 37.4 फीसदी हिस्सेदारी बेचकर 783 मिलियन डॉलर फंड जुटाया. टोटल एनर्जीज ने निवेश करने के लिए प्रवर्तकों के विदेशी निवेश निकायों को खरीदा. विदेश में प्राप्त हुए उसी फंड को समूह की कंपनियों में लगाया गया, जिसे कुछ लोग अब शेल कंपनियों से आया पैसा बता रहे हैं.
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