दिसंबर में RBI की क्रेडिट पॉलिसी को लेकर उद्योग जगत ने की ये बड़ी मांग, जानिए कैसे आप पर पड़ेगा असर
CII Urges RBI: भारतीय रिजर्व बैंक से भारतीय उद्योग परिसंघ से ब्याज दरों में हुई बढ़ोतरी को कम करने का अनुरोध किया गया है. RBI को अपनी मौद्रिक सख्ती की रफ्तार पर विचार करना चाहिए.
CII Urges RBI To Down Interest Rates: देशभर में भारतीय रिजर्व बैंक (Reserve Bank Of India) ने बढ़ती महंगाई पर काबू करने के लिए लगातार ब्याज दरों में बढ़ोतरी की है. जिसका असर अर्थव्यवस्था पर देखने को मिल रहा है. इसके साथ ही लोगों के लोन महंगे हो रहे हैं और EMI बढ़ती जा रही है. वही भारतीय उद्योग परिसंघ (CII) का कहना है कि भारतीय उद्योग जगत बीते दिनों ब्याज दरों में हुई बढ़ोतरी के प्रतिकूल असर को महसूस कर रहा है.
दिसंबर में होगी बैठक
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, सीआईआई ने भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) से अनुरोध किया है कि वह जल्द ही ब्याज दर में बढ़ोतरी की रफ्तार को कम करें. चालू वित्त वर्ष में आरबीआई ने अभी तक रेपो दर में 1.9 प्रतिशत की बढ़ोतरी की है. जिसका असर EMI पर सीधे तौर पर देखने को मिला है. ब्याज दर पर विचार करने के लिए केंद्रीय बैंक की मौद्रिक नीति की समिति की बैठक दिसंबर 2022 के पहले सप्ताह में होना तय हुई है.
CII ने RBI से क्या की मांग
CII के अनुसार, चालू वित्तवर्ष 2022 -23 की दूसरी तिमाही (जुलाई-सितंबर 2022) में बड़ी संख्या में कंपनियों के मुनाफे में गिरावट दर्ज की है. मॉनेटरी पॉलिसी की सख्ती में भी नरमी की जरूरी है. घरेलू मांग में सुधार का रुख है. वैश्विक सुस्ती का असर भारत की वृद्धि संभावनाओं पर भी पड़ सकता है. उद्योग निकाय ने कहा कि वैश्विक अनिश्चितताओं के बीच घरेलू वृद्धि को बनाए रखने के लिए आरबीआई को अपनी मौद्रिक सख्ती की रफ्तार को पहले के 0.5 प्रतिशत से कम करने पर विचार करना चाहिए.
दुनियाभर में बढ़ी ब्याज दरें
आपको बता दें कि दुनियाभर में मुद्रास्फीति की बढ़ती रफ्तार पर कंट्रोल करने के लिए अमेरिकी फेडरल रिजर्व सहित दुनियाभर के सेंट्रल बैंकों ने ब्याज दरों में तेजी से इजाफा किया है. महंगाई और इंटरेस्ट रेट में बढ़ोतरी से यूरोप और अमेरिका सहित दुनिया की अन्य अर्थव्यवस्थाएं प्रभावित हुई हैं.
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