इकनॉमी में बढ़ती मांग की संभावनाओं को देखते हुए बड़ी कंज्यूमर कंपनियों ने अपना निवेश बढ़ाने की तैयारी शुरू कर दी है. बड़ी मल्टीनेशनल और इंडियन कंज्यूमर कंपनियों, मसलन - नेस्ले, हिंदुस्तान यूनिलीवर, पेप्सीको और ब्रिटानिया ने सितंबर तिमाही में मांग में इजाफे को देखते हुए निवेश बढ़ाने की तैयारी की है. इन कंपनियों का मानना है कि लॉकडाउन के बाद कंज्यूमर डिमांड में अचानक काफी तेजी आएगी और इसकी पूर्ति के लिए निवेश बढ़ाना जरूरी है. नेस्ले के बिजनेस में दस फीसदी से ज्यादा की ग्रोथ दर्ज की गई, लिहाजा उसने अगले तीन-चार साल में 2,600 करोड़ रुपये का निवेश कर सकता है.
पेप्सी और ब्रिटानिया बढ़ाएंगीं निवेश
इकनॉमिक टाइम्स की खबर के मुताबिक पेप्सीको ने भी अपना निवेश बढ़ाने की तैयारी में है. कंपनी का कहना है कि वह यूपी में अपने स्नैक्स प्लांट में निवेश को 500 करोड़ रुपये से बढ़ा कर 800 करोड़ से ज्यादा करने वाली है. ब्रिटानिया भी तमिलनाडु, यूपी और बिहार में अपने पहले के संयंत्रों में निवेश बढ़ाने वाली है. ब्रिटानिया के एमडी वरुण बेरी ने इस महीने की शुरुआत में कहा था कि कंपनी तमिलनाडु में अपने 300 करोड़ के निवेश को बढ़ा कर 550 करोड़ रुपये तक ले जाएगी. दरअसल लॉकडाउन के दौरान घरों में चीजों की खपत बढ़ गई थी. इसलिए कंज्यूमर, खास कर एफएमसीजी कंपनियों के प्रोडक्ट की डिमांड काफी बढ़ गई थी. हालांकि लॉकडाउन के दौरान घरों की खपत कम हो गई थी. हालांकि कुल मिला कर एफएमसीजी प्रोडक्ट की मांग में तेजी दर्ज की गई थी.
लॉकडाउन के बाद मांग में तेज इजाफा
अब लॉकडाउन के खुलने के बाद कंज्यूमर गुड्स कंपनियों के प्रोडक्ट की मांग काफी बढ़ी है. यही वजह है कि कंपनियां निवेश बढ़ाना चाह रही हैं. हाल के दिनों में यूनिलीवर, रेकिट बेंकिसर, किम्बरले क्लार्क, व्हर्लपूल और कोका-कोला की आय में खासा इजाफा दर्ज किया गया है. व्हर्लपूल ग्लोबल के चीफ फाइनेंशियल ऑफिसर जिम पीटर्स ने कहा कि भारतीय कारोबार की अच्छी बढ़त हासिल हुई है.
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