Penalty on Emami: फेयरनेस क्रीम बनाने वाली कंपनी इमामी (Emami) पर उपभोक्ता फोरम ने 15 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है. फोरम ने यह जुर्माना एक व्यक्ति की शिकायत पर लगाया, जिसका आरोप है कि चेहरे को गोरा बनाने के लिए कंपनी का बनाया गया प्रोडक्ट 'फेयर एंड हैंडसम' के दावे भ्रामक हैं. शिकायतकर्ता का नाम निखिल जैन है, जो 35 साल के हैं और पेशे से एक बैंकर हैं. निखिल को यह जीत 12 साल लंबी कानूनी लड़ाई के बाद मिली.
निखिल ने इमामी को कोर्ट तक घसीटा
कंपनी का दावा था कि महज तीन हफ्ते तक रोजाना इस क्रीम के इस्तेमाल से चेहरा गोरा हो जाएगा, लेकिन ऐसा करने के बाद भी जब निखिल को कोई फर्क नजर नहीं आया, तो उसने कंपनी को कटघरे में लाने के बारे में सोचा.
साल 2013 में निखिल ने कन्ज्यूमर कोर्ट में इमामी के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई. इस दौरान दोनों पक्षों की तरफ से दलीलें पेश की गईं और आखिरकार फैसला निखिल के हक में आया.
कोर्ट ने निखिल के हक में सुनाया फैसला
अपना फैसला सुनाते हुए दिल्ली के उपभोक्ता अदालत ने कहा, यह साफ है कि इमामी की बनाई गई क्रीम फेयर एंड हैंडसम की पैकेजिंग पर दिए गए निर्देश अस्पष्ट हैं.
कंपनी ने दावा किया है कि इस क्रीम के तीन हफ्ते तक रोजाना इस्तेमाल से पुरुषों की त्वचा गोरी हो जाएगी, जबकि कंपनी को पता है कि पैकेजिंग पर दिया गया निर्देश आधा-अधूरा होने की वजह से यह अपने किए गए दावों पर खरा नहीं उतरेगा.
आयोग ने कंपनी को दिल्ली राज्य उपभोक्ता के कल्याण कोष में 14.5 लाख रुपये और निखिल जैन को हर्जाने के रूप में 50,000 रुपये और मुकदमे में हुए खर्चे की भरपाई के रूप में 10,000 रुपये का भुगतान करने का आदेश दिया है.
2015 में भी इमामी पर कोर्ट ने लगाया था जुर्माना
यह दूसरी दफा है जब इमामी पर इसी मामले को लेकर जुर्माना लगाया गया. 2015 में भी उपभोक्ता आयोग ने शिकायतकर्ता के हक में फैसला सुनाते हुए इमामी को 15 लाख रुपये का जुर्माना भरने का आदेश दिया था।
हालांकि, कंपनी की अपील के बाद उस आदेश को खारिज कर दिया गया. सोमवार को आए इस फैसले के बाद अब नए सिरे से सुनवाई के लिए मामले को जिला उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग (केंद्रीय जिला) के पास वापस भेज दिया गया.