कोरोना संकट के बाद सिकुड़े शहरी बाजार की तुलना में अब कंपनियों ग्रामीण मार्केट पर फोकस करना शुरू किया है. पिछली छह तिमाहियों से कंपनियों ने ग्रामीण बाजार को लेकर स्ट्रेटजी बनाना शुरू कर दिया था.लेकिन अब लॉकडाउन के कारण शहरी मार्केट में खपत घटने की वजह से रूरल मार्केट की ओर ध्यान देना शुरू किया है. अब इसी मार्केट की जरूरत के हिसाब से नए प्रोडक्ट पैक, डिलीवरी मॉडल और प्रमोशन पैकेज तैयार किए जा रहे हैं.


स्नैक्स, रिफाइंड तेल, चाय और जूस की बिक्री बढ़ी


दरअसल शहरों की तुलना में गांवों में खपत बढ़ने के बाद कोका कोला, हिंदुस्तान यूनिलीवर,डाबर, आईटीसी और दूसरी एफएमसीजी कंपनियों ने ग्रामीण बाजार में अपनी मौजूदगी मजबूत करने के लिए नई स्ट्रेटजी अपनाई है. इकनॉमिक टाइम्स की खबर के मुताबिक पिछले दिनों कोकाकोला ने केंद्र सरकार की ओर से समर्थित कॉमन सर्विसेज सेंटर से समझौता किया. इसके तहत इन सेंटर्स में इसके उत्पादों की लिस्टिंग होगी. कॉमन सर्विसेज सेंटर के ग्रामीण ई-स्टोर प्लेटफार्म के जरिये कोकाकोला के प्रोडक्ट अब लोगों के घरों तक पहुंचाए जाएंगे.


आईटीसी ने अब अपने सेवेलॉन सेनेटाइजर्स के 50 पैसे के सैशे लॉन्च किए हैं. गांवों में अब डिलीवरी वैन सर्विस भी बढ़ाई गई है. ग्रामीण मार्केट में स्नैक्स, रिफाइंड तेल, चाय और जूस की मांग बढ़ी है. कई ब्रांड के बिस्कुट, नमकीन और जूस की बिक्री में इजाफा हुआ है. नूडल, चिप्स और दूसरे स्नैक्स के नए बाजार डेवलप हो रहे हैं. उन बाजारों में आसानी से माल पहुंचने से भी बिक्री बढ़ी है.


मार्केट रिसर्च फर्म नीलसन के मुताबिक ग्रामीण बाजार शहरों की तुलना में दोगुनी रफ्तार से बढ़ेगी. खेती की बढ़ी आय, सरकार की ओर से किए जाने वाले खर्चे और रिटेल चेन की दिक्कतें कम होने की वजह से ग्रामीण मार्केट की मजबूती बढ़ी है. प्रवासी मजदूरों के घर लौटने से भी ग्रामीण क्षेत्रों में खपत बढ़ी है.