Inflation Down In US: अमेरिका वासियों के लिए राहत की खबर है. महंगे होते कर्ज पर वहां ब्रेक लग सकता है. अक्टूबर महीने में महंगाई दर में गिरावट आई है. कई चीजों के दाम घटने से महंगाई में कमी आई है. महंगाई का असर अमेरिकी अर्थव्यवस्था पर पड़ा है. उपभोक्ता खर्च में कटौती कर रहे हैं जिसका असर कंपनियों के नतीजों पर देखा गया है. 


लेबर डिपार्टमेंट के मुताबिक अक्टूबर 2022 में उपभोक्ता महंगाई दर 7.7 फीसदी रहा है जबकि सितंबर में महंगाई दर 8.2 फीसदी रहा था. जनवरी के बाद महंगाई दर में ये सबसे कम बढ़ोतरी है. फूड और एनर्जी कीमतों को छोड़ दें तो कोर इंफ्लेशन 12 महीनों में 6.3 फीसदी बढ़ा है जबकि सितंबर महीने से 0.3 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है. महंगाई दर के जो आंकड़े आए हैं वो अर्थशास्त्रियों के अनुमान से कम है. 


अमेरिका में महंगाई दर 40 साल के उच्चतम स्तर पर जा पहुंचा था जिसके बाद से लगातार वहां का सेंट्रल बैंक फेडरल रिजर्व कर्ज महंगा करता जा रहा है. हालांकि माना जा रहा है कि ब्याज दरें बढ़ाने का सिलसिला आगे भी जारी रहने वाला है . फेडरल रिजर्व के ब्याज दरें बढ़ाने के चलते अमेरिका में अगले वर्ष मंदी आने की संभावना जताई जा रही है. 


2022 में फेडरल रिजर्व छह बार ब्याज दरें बढ़ाने का एलान कर चुका है. दरअसल फेडरल रिजर्व महंगे कर्ज के जरिए लोगों के खरीदने की क्षमता को कम करना चाहता है जिससे महंगाई पर काबू पाया जा सके. क्योंकि सस्ते कर्ज के चलते लोग धरल्ले से महंगी चीजों की शॉपिंग के साथ घर और कार खरीद रहे थे. 


हालांकि महंगे कर्ज का असर अमेरिकी अर्थव्यवस्था पर दिखने लगा है. मंदी के आने से पहले ही कंपनियां छंटनी करने लगी है. मेटा से लेकर ट्विटर अल्फाबेट और आईबीएम जैसी कंपनियां खर्च में कमी के मकसद से छंटनी कर रही हैं. 


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