Consumer Loan: स्मार्टफोन और इलेक्ट्रॉनिक सामान जैसी चीजों पर भी हम भारतीय जमकर लोन ले रहे हैं. मात्र 4 सालों में भारतीयों की खरीदारी का ट्रेंड जबरदस्त तरीके से बदला है. ऐसी चीजों के लिए लोन लेने वालों की संख्या जबरदस्त तेजी से बढ़कर 37 गुना हो गई है. कोविड 19 के बाद खरीदारी का ट्रेंड पूरी तरह से बदल गया है. एक रिपोर्ट के अनुसार, स्मार्टफोन और होम एप्लायंसेज के लिए साल 2020 में जहां 1 फीसदी लोन लिया जा रहा था वहीं, अब 2024 में यह आंकड़ा 37 फीसदी हो गया है. अपने घर में बदलाव के लिए अब कंज्यूमर पैसों के इंतजाम के बारे में ज्यादा सोच नहीं रहे हैं. वो लोन लेकर तुरंत अपना फोन और टीवी, फ्रिज और वाशिंग मशीन जैसी चीजें खरीद ले रहे हैं. 


घर और लाइफस्टाइल को अपग्रेड करने की तीव्र इच्छा


होम क्रेडिट इंडिया की रिपोर्ट ‘हाउ इंडिया बोरो’ के अनुसार, लोगों में अपने घर और लाइफस्टाइल को अपग्रेड करने की तीव्र इच्छा जाग गई है. सबसे ज्यादा कर्ज कंजूमर ड्यूरेबल्स की खरीदारी करने को लिए जा रहे हैं. इसके बाद बिजनेस करने और घर को नया लुक देने के लिए लोन हो रहे हैं. कारोबार के विस्तार के लिए लोन लेने वालों को संख्या 2020 के 5 फीसदी से बढ़कर 2024 में 21 फीसदी हो गई है. देश में कारोबार करने की भावना मजबूत होती जा रही है. लोग नए अवसरों को देखते हुए अपनी आय के साधन बढ़ाना चाहते हैं. सरकार द्वारा एमएसएमई को मिल रहे सपोर्ट ने भी इस बारे में माहौल बनाया है. 


शिक्षा नहीं शादी के लिए ज्यादा कर्ज ले रहे लोग 


इसके अलावा लोगों में अपना ड्रीम होम तैयार करने का सपना भी बढ़ा है. घर में सुधार के लिए लोन लेने वालों की संख्या भी 2022 के 9 फीसदी से बढ़कर 2024 में 15 फीसदी हो गई है. इसके अलावा मेडिकल इमरजेंसी के लिए लोन लेने वालों की संख्या इसी अवधि में 7 फीसदी से घटकर 3 फीसदी रह गई है. इसका कारण बेहतर फाइनेंशियल प्लानिंग और बढ़ती हेल्थकेयर सुविधाओं को बताया जा रहा है. उधर, शिक्षा के लिए कर्ज लेने वालों की संख्या में कोई बदलाव नहीं आया है. यह अभी भी 4 फीसदी के आंकड़े पर ही है. शादी के लिए कर्ज लेने वालों की संख्या इस अवधि में 3 फीसदी से बढ़कर 5 फीसदी हो गई है. 


एप से बैंकिंग और ऑनलाइन शॉपिंग में आया उछाल 


या सर्वे देश के 17 शहरों में किया गया था. इनमें टॉप 7 मेट्रो शहर भी शामिल हैं. सर्वे के दौरान 18 से 55 साल के करीब 2500 लोगों की राय ली गई. इनकी औसत आय 31 हजार रुपये महीना थी. सर्वे में कहा गया है कि अब कंज्यूमर टेक्नोलॉजी का जमकर इस्तेमाल कर रहे हैं. वह बैंकिंग के लिए एप का इस्तेमाल करने लगे हैं. ऑनलाइन शॉपिंग में भी उछाल इसी वजह से देखा जा रहा है. ईएमआई कार्ड लोगों के बीच लोकप्रिय बने हुए हैं.


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