कंज्यूमर मार्केट पर मंदी की मार, सस्ते सामानों की खरीदारी भी अब EMI पर
सस्ते स्मार्टफोन, किचन के बरतन, मिक्सर-ग्राइंडर, स्पीकर, हेडफोन और जूते तक लोग ईएमआई पर ले रहे हैं.
लॉकडाउन की वजह से कंज्यूमर मार्केट में भारी कारोबारी सुस्ती देखी जा रही है. बाजारों में अब काम शुरू हुआ है लेकिन रिटेलरों के पास ग्राहक आने बिल्कुल कम हो गए हैं. और हालात ये हैं कि लोग कम कीमत वाले स्मार्टफोन, किचन के बरतन, मिक्सर-ग्राइंडर स्पीकर, हेडफोन, घरेलू सामान और जूते तक ईएमआई पर ले रहे हैं. ऑनलाइन मार्केट प्लेस और बैंकों के मुताबिक क्रेडिट कार्ड पर फाइनेंसिंग में काफी तेजी आई है. क्रेडिट कार्ड के बिल पेमेंट में भी देरी हो रही है.
बढ़ती बेरोजगारी से कंज्यूमर मार्केट डांवाडोल
नौकरियां जाने, सैलरी घटने और कारोबार बंद होने की वजह से लोगों के पास पैसा आना कम हो गया है. इसका असर घरेलू खर्च पर पड़ा है. नौकरी जाने का डर बना हुआ है. इस वजह से लोग बचा हुए कैश खर्च नहीं करना चाह रहे हैं. रिटेल मार्केट पर इसका असर साफ दिख रहा है. रिटेल इंडस्ट्री से जुड़े लोग कंज्यूमर विहेवियर में बदलाव देख रहे हैं. ग्राहक अब लग्जरी की जगह जरूरत की चीजें ज्यादा खरीद रहे हैं. इस वक्त एसी और टीवी जैसी चीजों की जगह छोटे घरेलू अप्लायंस, लैपटॉप, टैबलेट, लॉन्ड्री और वॉशिंग अप्लायंस की मांग ज्यादा है.
एनबीएफसी ने कड़े किए फाइनेंसिंग के नियम
ग्राहक अब कंज्यूमर ड्यूरेबल्स या ऐसी दूसरी चीजों की खरीदारी के लिए क्रेडिट कार्ड पर फाइनेंस करा रहे हैं. इस सेगमेंट में अब तक एनबीएफसी का वर्चस्व रहा है. लेकिन लोगों की आय को देखते हुए इन कंपनियों ने फाइनेंसिंग के नियम कड़े कर दिए हैं. इससे ग्राहक अब क्रेडिट कार्ड का सहारा ले रहे हैं. इस इंडस्ट्री के जानकारों का कहना है कि पिछले महीने कार्ड पर फाइनेंसिंग में 30 से 40 फीसदी तक इजाफा हुआ है. एनबीएफसी की ओर से पेपर देखकर फाइनेंसिंग के मामले एक तिहाई तक घट गए हैं. कई बड़े रिटेलरों का कहना है कि ग्राहक अब सामान ईएमआई पर ज्यादा ले रहे हैं. साथ ही ज्यादा अवधि वाली ईएमआई स्कीम का चुनाव कर रहे हैं ताकि उन्हें हर महीने कम पैसा चुकाना पड़े.