मंदी की मार, लेकिन महामारी के बाद 74 फीसदी लोग खरीदना चाहते हैं कार
अर्नेस्ट एंड यंग के सर्वे के मुताबिक गाड़ी खरीदने के इच्छुक 57 फीसदी लोग सेकेंड हैंड कार खरीदने को प्राथमिकता देंगे.
अर्थव्यवस्था में मंदी का दौर है. कोरोना वायरस का संक्रमण घटा नहीं है और इस वजह से आर्थिक गतिविधियां सुस्त हैं और लोगों की कमाई घट गई है. लेकिन लोग अपने स्वास्थ्य और सुरक्षा को सबसे ज्यादा प्राथमिकता दे रहे हैं. एक सर्वे में 74 फीसदी लोगों ने कहा है लॉकडाउन के बाद अपनी कार लेना उनकी प्राथमिकता होगी. गाड़ी खरीदने के इच्छुक 57 फीसदी लोग सेकेंड हैंड कार खरीदने को प्राथमिकता देंगे.
संक्रमण से डर, सार्वजनिक वाहनों से परहेज
अर्नेस्ट एंड यंग की एक रिपोर्ट में कहा गया कि कोविड-19 के संक्रमण को देखते हुए लोग अपने और परिवार की सुरक्षा को ज्यादा प्राथमिकता दे रहे हैं इसलिए सार्वजनिक वाहनों में यात्रा करना उनकी प्राथमिकता में नीचे है. ज्यादातर लोग अपनी कार खरीदना चाहते हैं. सर्वे 1,100 लोगों के बीच कराया गया था. इनमें से 74 फीसदी ने कहा कि वे अपनी कार खरीदना चाहते हैं. 57 फीसदी लोगों ने कहा कि वे कार खरीदना चाहेंगे लेकिन उनकी प्राथमिकता सेकेंड हैंड कार होगी.
37 फीसदी लोगों की पसंद हैचबैक
सर्वे के मुताबिक 37 फीसदी लोगों की पसंद हैचबैक कार थी. जबकि 29 फीसदी लोगों ने कहा कि वे कॉम्पैक्ट सेडान (सेडान/एसयूवी) खरीदना चाहेंगे. पहली बार कार खरीदने वाले रोजमर्रा की जिंदगी में आने-जाने के लिए कार खरीदना चाहते है. लॉकडाउन से पहले 57 फीसदी लोग अपने रोज के आने-जाने के लिए सार्वजनिक वाहनों को अपनी पसंद बता रहे थे. कोविड-19 संकट के कारण पहली बार ऐसे लोगों की तादाद बढ़ी है, जो एंट्री लेवल की नई और पुरानी कार खरीदना चाहते हैं.
सर्वे के मुताबिक महामारी की वजह से कमाई घटने और आगे अनिश्चित माहौल को देखते हुए 26 फीसदी ने कार खरीदने का फैसला टाल दिया है. लॉकडाउन में धीरे-धीरे छूट के बाद संभावित ग्राहक कारों के मॉडल और उनकी कीमत के बारे में ऑनलाइन जानकारी जुटा रहे हैं. फिलहाल मांग की कमी से जूझ रही ऑटोमोबाइल कंपनियों के लिए इसे काफी अच्छा संकेत माना जा रहा है.