किसी भी अर्थव्यवस्था को विकसित बनाने के लिए वर्कफोर्स में महिलाओं की पर्याप्त भागीदारी जरूरी मानी जाती है. भारत ने इस मोर्चे पर हालिया सालों में उल्लेखनीय प्रगति की है. केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान की मानें तो पिछले 5-6 सालों के दौरान वर्कफोर्स में महिलाओं की भागीदारी के मामले में काफी सुधार हुआ है.


इस तरह से बढ़ा महिलाओं का योगदान


केंद्रीय मंत्री एक दिन पहले रोजगार मेला में बोल रहे थे. उन्होंने बताया कि पिछले वित्त वर्ष यानी 2022-23 के दौरान देश में वर्कफोर्स में महिलाओं की भागीदारी बढ़कर 37 फीसदी पर पहुंच गई. यह आंकड़ा वित्त वर्ष 2017-18 में महज 23 फीसदी था. केंद्रीय मंत्री ने साथ ही ये भी कहा कि महिलाएं अमूमन पुरुषों की तुलना में ज्यादा परिश्रमी होती हैं. चूंकि वर्कफोर्स में उनकी भागीदारी बढ़ रही है, इससे समाज में संतुलित वृद्धि का संकेत मिलता है.


चीन में महिलाओं की इतनी भागीदारी


अगर आस-पड़ोस की प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं से तुलना करें तो अभी भी कई प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं की तुलना में भारत में महिलाओं का योगदान कम है. मैकिनसे ग्लोबल इंस्टीट्यूट ने 2018 में इस संबंध में एक रिपोर्ट जारी की थी. उक्त रिपोर्ट के अनुसार, भारत में अर्थव्यवस्था में महिलाओं का योगदान महज 18 फीसदी है. जबकि पड़ोसी देश चीन में उनका योगदान 41 फीसदी है, जो एशिया की सबसे बड़ी और दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है.


अन्य पड़ोसी देशों का ऐसा हाल


अन्य पड़ोसी देशों को देखें तो उनमें से कइयों की स्थिति इस मामले में भारत से बेहतर प्रतीत होती है. वियतनाम में अर्थव्यवस्था में महिलाओं का योगदान 40 फीसदी है. इसी तरह जापान की अर्थव्यवस्था में महिलाएं 33 फीसदी का और श्रीलंका की अर्थव्यवस्था में 29 फीसदी का योगदान दे रही हैं.


महिलाओं की इतनी हिस्सेदारी जरूरी


एक हालिया रिपोर्ट में अर्थव्यवस्था को आगे बढ़ाने के लिए महिलाओं की भूमिका का महत्व बताया है. बार्कलेज की ये रिपोर्ट बताती है कि अगर भारत को 8 फीसदी की दर से आर्थिक वृद्धि के लक्ष्य को पाना है, तो श्रम की उत्पादकता में सुधार करने और महिलाओं की वर्कफोर्स में हिस्सेदारी बढ़ाने की जरूरत है. उसने कहा कि 8 फीसदी ग्रोथ के लिए 2030 तक वर्कफोर्स में 50 फीसदी महिलाओं को शामिल करना जरूरी है. इस लिहाज से देखें तो मौजूदा 37 फीसदी भागीदारी सुधार के बाद भी काफी कम है.


मोदी सरकार ला रही योजनाएं


इस बारे में केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाली मौजूदा सरकार महिलाओं पर केंद्रित योजनाएं लेकर आई है. इससे वर्कफोर्स में महिलाओं की भागीदारी को बढ़ाने में मदद मिली है. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार नीति निर्धारण और लीडरशिप की भूमिकाओं में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने पर ध्यान दे रही है. उन्होंने इस मौके पर कहा कि कामकाजी महिलाओं के लिए री-स्किलिंग और अप-स्किलिंग पर ध्यान देना भी जरूरी है.


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