Edible Oil: खाने के तेल का आयात पिछले महीने यानी ​कि जनवरी 2023 में बड़ी संख्या में हुआ है. खाद्य तेल का आयात जनवरी में 33 फीसदी बढ़कर 16.61 लाख टन पहुंच चुका है. SEA के रिपोर्ट के मुताबिक ये सितंबर 2021 के बाद देश का दूसरा सबसे बड़ा आयात है. सबसे ज्यादा सूरजमुखी के तेल का आयात हुआ है. 


जनवरी में वनस्पति तेल का आयात 31 प्र​तिशत बढ़कर 16.61 लाख टन है, जो पिछले साल इस अवधि में 12.70 लाख टन था. वित्त वर्ष 2022-23 के नवंबर से अक्टूबर तिमाही के दौरान वेजिटेबल ऑयल का टोटल इम्पोर्ट 30 फीसदी बढ़कर 47,73,419 टन हो चुका है, जो इस अवधि में ​पिछले साल 36,71,161 टन रहा है. 


नवंबर से जनवरी के दौरान 47.46 लाख टन का आयात 


वहीं पिछले साल के नवंबर से जनवरी की बात करें तो खाद्य तेल का आयात इस अवधि में 47,46,290 टन हुआ है, जो इससे पिछले साल इस अवधि में 36,07,612 टन रहा है, जबकि गैर-खाद्य तेल का आयात गिरावट के साथ 27,129 टन हुआ है, जो पिछले साल इस अवधि में 63,549 टन था. 


कितना हुआ सूरजमुखी तेल का आयात 


भारत का जनवरी का सूरजमुखी तेल का आयात बढ़कर 4.61 लाख टन हो गया, जो करीब तिगुना औसत मासिक आयात है. एसईए ने कहा कि शीर्ष निर्यातक देश रूस और यूक्रेन से भंडार को कम करना चाहते हैं. वहीं पिछले साल अक्टूबर में समाप्त हुए 2021-22 आयल वर्ष में भारत का मासिक सूरजमुखी तेल आयात औसतन करीब 1,61,000 टन रहा. 


पाम तेल में हो सकती है कमी 


एसोसिएशन ने कहा कि सूरजमुखी के तेल और सोयाबीन के तेल के आयात में बढ़ोतरी भारत के पाम तेल के आयात को कम कर सकती है, जिससे इसकी कीमतों में बढ़ोतरी हो सकती है. वहीं दूसरी ओर एसईए ने वित्त वर्ष 2022-23 की पहली तिमाही में आरबीडी  (रिफाइंड) पामोलिन के आयात में 6.30 लाख टन में बढ़ोतरी पर चिंता जाहिर की है, जो कुल पाम तेल आयात का लगभग 20 प्रतिशत है. कहा कि ये घरेलू रिफाइनरों को प्रभावित कर सकती है. 


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