Amit Shah: सहकारिता मंत्री अमित शाह ने बुधवार को इफको के नैनो लिक्विड डीएपी उर्वरक को कॉमर्शियल सेल के लिए 600 रुपये से 500 रुपये प्रति मिलीलीटर की बोतल पर लॉन्च किया और किसानों से देश को आत्मनिर्भर बनाने और आयात को कम करने के लिए बड़े पैमाने पर नैनो यूरिया और डीएपी का उपयोग करने की अपील की है. 


नैनो लिक्विड डीएपी (डाय-अमोनियम फॉस्फेट) की एक बोतल 500 मिली पारंपरिक दानेदार डीएपी के एक बैग 50 किग्रा के बराबर है, जिसे वर्तमान में 1,350 रुपये में बेचा जा रहा है. इससे पहले जून 2021 में भारतीय किसान उर्वरक सहकारी लिमिटेड (इफको) ने दुनिया का पहला नैनो यूरिया उर्वरक लॉन्च किया था और अब इसने नैनो डीएपी में डेवलप किया है. 


'उर्वरक की दिशा में आत्मनिर्भर कदम' 


इफको के नैनो डीएपी उर्वरक को कृषि मंत्रालय द्वारा अप्रूव किया गया था और इसके परिणामों के आधार पर इस वर्ष मार्च में उर्वरक नियंत्रण आदेश (एफसीओ) में जानकारी दी गई थी. अमित शाह ने कार्यक्रम के दौरान कहा कि इफको के नैनो लिक्विड डीएपी उर्वरक क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है.


मिट्टी की गुणवत्ता को सुधारेगा  


मंत्री ने मिट्टी की गुणवत्ता और लोगों के स्वास्थ्य पर पारंपरिक रासायनिक उर्वरकों के अत्यधिक उपयोग के प्रभाव पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि इफको नैनो डीएपी के यूज से फसल उत्पादन की गुणवत्ता और मात्रा दोनों में बढ़ोतरी होगी और मिट्टी के स्वास्थ्य में भी सुधार होगा. उन्होंने कहा कि नैनो उर्वरकों का उपयोग भूमि की उर्वरता को बहाल करने में बहुत योगदान देगा और रासायनिक पोषक तत्वों के कारण करोड़ों भारतीयों के स्वास्थ्य को होने वाले खतरे को भी कम करेगा.


उर्वरक सब्सिडी बिल में आएगी कमी 


अमित शाह ने कहा कि भारत की 60 प्रतिशत आबादी कृषि और संबंधित गतिविधियों से जुड़ी है और यह "क्रांतिकारी विकास" देश को उर्वरक के क्षेत्र में 'आत्मनिर्भर' बनने में मदद करेगा. उन्होंने कहा कि नैनो यूरिया और नैनो डीएपी के इस्तेमाल से आयात में कमी के साथ-साथ सरकार के उर्वरक सब्सिडी बिल में कमी आएगी. उन्होंने कहा कि नैनो उर्वरक का इस्तेमाल आसानी से हो सकेगा. 


नैनो डीएपी पर कोई सब्सिडी नहीं 


सरकार पारंपरिक डीएपी पर सब्सिडी देती है, लेकिन नैनो डीएपी पर कोई सब्सिडी नहीं देगी. सरकार की सब्सिडी में बचत होगी. पारंपरिक यूरिया के मुकाबले नैनो यूरिया पर कोई सब्सिडी नहीं है, जो अत्यधिक सब्सिडी वाला है. 2022-23 में सरकार का उर्वरक सब्सिडी बिल 2.25 लाख करोड़ रुपए था. शाह ने यह भी कहा कि नैनो डीएपी के इस्तेमाल से किसानों को फसल उत्पादन पर खर्च में 6 से 20 फीसदी की कमी लाने में मदद मिल सकती है.


18 करोड़ बोतल तैयार करने का लक्ष्य


अमित शाह ने कहा कि नैनो उर्वरकों के इस्तेमाल से किसानों को बड़े पैमाने पर प्राकृतिक (रसायन मुक्त) खेती अपनाने में भी मदद मिलेगी. उन्होंने कहा कि इफको को उनके नैनो यूरिया और नैनो डीएपी के लिए 20 वर्षों के लिए पेटेंट मिल गया है और सहकारी को उत्पादों के उपयोग के लिए रॉयल्टी मिलेगी. शाह ने ​कहा कि 2025-26 तक नैनो डीएपी की 18 करोड़ बोतलों का उत्पादन का टारगेट है, जिससे पारंपरिक डीएपी के 90 लाख टन के उपयोग में कमी आएगी.


नैनो डीएपी में कितनी मात्रा 


नैनो डीएपी में एक बोतल में 8 फीसदी नाइट्रोजन और 16 फीसदी फॉस्फोरस होता है. इफको ने आगे कहा कि अगस्त 2021 से अब तक नैनो यूरिया की 5.44 करोड़ बोतलें बेची जा चुकी हैं. 


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